छत्तीसगढ़ शासन ने भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण संबंधी नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब तक लागू “छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांत नियम, 2000” का नाम बदलकर “छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000” कर दिया गया है।
संशोधित प्रावधानों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि का बाजार मूल्य अब हेक्टेयर दर से निर्धारित किया जाएगा। पहले यह मूल्य वर्ग मीटर के आधार पर तय किया जाता था, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तित भूमि के मूल्य निर्धारण में भी बदलाव किया गया है। पहले इसके लिए सिंचित भूमि की दर से ढाई गुना मूल्य निर्धारित किया जाता था, लेकिन अब यह प्रावधान हटा दिया गया है और मूल्य केवल हेक्टेयर दर से ही तय होगा।
राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि इन संशोधनों को दस्तावेजों के पंजीयन एवं प्रभार्य शुल्क निर्धारण में लागू किया जाएगा। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अधीनस्थ कर्मचारियों को इन नए प्रावधानों की जानकारी दें, ताकि भूमि पंजीयन की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए।