रायपुर। रायपुर खनिज विभाग के जिला खनिज अधिकारी हेमंत चेरपा द्वारा चेकिंग के दौरान वाहन क्रमांक cg-04-ph-9087 लोड माल गिट्टी की रायल्टी चेक करने के दौरान गलत की आशंका होने पर ओरिजिनल से मिलान करने पर गलत पाए जाने पर गाड़ी पर कार्यवाही करते हुवे गाड़ी पर केस बना थाने मे खड़ी कर दी गई उक्त गिट्टी रायल्टी क्रमांक 9426137 की दो पर्चियां जिसमे अंतर आसानी से दिखता है यह पर्चियां मेसर्स नरसिंह मिनरल्स, चूना पत्थर, ग्राम अकोलडीह, खपरी, आरंग खदान की हैं, जिसमें खसरा नंबर 657, 658/1 कुल 3.63 हेक्टेयर भूमि दर्ज है। पहली पचीं 15 जुलाई को जारी की गई, जबकि इसी नंबर की दूसरी पचीं, जो नकली प्रतीत होती है, कार्बन कापी जैसे पेन से भरी गई है। जबकि नियम के अनुसार, खदान से प्राप्त रायल्टी पचीं की एक प्रति वाहन चालक को दी जाती है और दूसरी प्रति खनिज विभाग में जमा की जाती है। इस मामले में नकली पचीं खदान से ही जारी की गई प्रतीत होती है।
वाहन चालक पर कार्रवाई, खदान संचालक बच निकले फजी रायल्टी पचीं के मामले में खनिज विभाग ने हाईवा मालिक पर कार्रवाई की है। जबकि यह स्पष्ट है कि पचीं खदान से जारी हुई। विभाग ने वाहन चालक को ही जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसे रायल्टी पचीं देखकर लेनी चाहिए थी। जबकि असली गड़बड़ी खदान में हो रही है।
इसकी जानकारी अफरोज ख्वाजा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग के प्रवक्ता को होने पर जिला खनिज अधिकारी हेमंत से बात करने पर गाड़ी चालक की गलती बताते हुवे खादन मालिक को निर्दोष बताया गया जिला खनिज अधिकारी हेमंत ने कहा कि गाड़ी चालक को रॉयल्टी देख समाज के लेनी चाहिए थी जबकि इसके विपरीत अगर देखा जाए तो कुछ वर्ष पूर्व खनिज विभाग मे फर्जी रॉयल्टी घोटाला सामने आया था जिन फर्जी राइटियों की खनिज जांच चौकिया में भी एंट्री की गई थी और हो सकता है कि उन फर्जी राइटियों के आधार पर बहुत से क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी जारी किया गया होगा जांच के दौरान गाड़ियों को छोड़ा भी गया होगा गाड़ियों को विभाग द्वारा गाड़ी चालक के ऊपर एक पक्षी कार्यवाही किया जाना पूर्णता गलत है यह बहुत बड़ा मामला है जिसे दबाने का प्रयास किया जाना जैसा प्रतीत हो रहा है।