रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब ठगों ने आम लोगों के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने जाल में फांसना शुरू कर दिया है। ताजा मामला आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय की डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी से जुड़ा है, जिनसे करीब 90 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है।
फेसबुक फ्रेंड बनकर रचा जाल
मिली जानकारी के अनुसार, एक अज्ञात महिला जिसने खुद को जारा अली खान बताया, ने फेसबुक के जरिए माया तिवारी से दोस्ती की। कुछ समय बाद उसने उन्हें “बुल मार्केट्स योर गेटवेज ऑनलाइन ट्रेडिंग” नामक एक कंपनी में निवेश करने की सलाह दी और पैसे डबल करने का झांसा दिया।
किस्तों में उड़ाए गए लाखों
डिप्टी डायरेक्टर माया तिवारी ने झांसे में आकर 3 मार्च से 23 मई 2025 के बीच UPI, RTGS और IMPS जैसे तरीकों से अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए। कुल मिलाकर उनसे 89 लाख 64 हजार रुपये की ठगी की गई। इनमें से 73.40 लाख RTGS और IMPS से, जबकि 16.27 लाख रुपये UPI के माध्यम से ट्रांसफर किए गए।
FIR दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
इस मामले में रायपुर के राखी थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इसके साथ ही साइबर पुलिस की टीम भी जांच में लग गई है। पुलिस फिलहाल ठगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के लिए बैंक ट्रांजेक्शन व सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच कर रही है।
बढ़ते साइबर क्राइम पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए साइबर ठग किस तरह से उच्च पदस्थ लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। आम नागरिकों और अधिकारियों दोनों को अब अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।