रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक बार फिर राज्य की भाजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि “मोदी की गारंटी” के नाम पर विधानसभा चुनाव 2023 में किए गए वादों को सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी और जनविरोधी नीतियों को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया।
कर्मचारियों को ठगा, वादे हुए हवा
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि चुनाव के दौरान अनियमित कर्मचारियों को 100 दिन में नियमित करने, डीए/डीआर बढ़ाने, मानदेय में वृद्धि, शिक्षकों की भर्ती, नौकरियों की बहाली जैसे बड़े-बड़े वादे किए गए थे। लेकिन डेढ़ साल गुजर जाने के बाद न कोई भर्तियाँ हुईं, न किसी वर्ग को राहत मिली। उल्टे विद्या मितान, अतिथि शिक्षक, संविदा कर्मियों को हटाया गया, और 10463 स्कूलों को मर्ज कर उनके डायस कोड तक विलोपित कर दिए गए।
45000 नियमित शिक्षकों के पद हुए विलोपित
वर्मा ने कहा कि नई भर्ती प्रक्रिया को जानबूझकर रोका गया और नए सेटअप में शिक्षकों के न्यूनतम पदों की संख्या को कम कर 45000 नियमित शिक्षकों के पद विलोपित कर दिए गए हैं। 33000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा के बावजूद प्रक्रिया को रोक दिया गया है।
अन्य वादों पर भी सरकार खामोश
प्रवक्ता वर्मा ने कहा कि सरकार बनने के बाद न तो सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर की गई, न पंचायत सचिवों का शासकीयकरण हुआ, और न ही मितानिन, रसोईया, सफाईकर्मियों के मानदेय में कोई 50% की वादा की गई बढ़ोत्तरी हुई।
वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में भी निराशा
वर्मा ने बताया कि कोदो-कुटकी और रागी की खरीदी बंद, न्याय योजना बंद, तेंदूपत्ता बीमा योजना बंद, तेंदूपत्ता संग्रहण में कटौती जैसे निर्णय सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाते हैं। किसानों को खाद-बीज के लिए, युवाओं को रोजगार के लिए और महिलाओं को महंगाई व बढ़ते अपराध से जूझना पड़ रहा है।
कर्मचारियों में गुस्सा, आंदोलन की तैयारी
प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि सरकार की संवेदनहीनता चरम पर है और अब जनता को झूठे वादों से बरगलाया नहीं जा सकता।
“वादाखिलाफी भाजपा का असल चरित्र बन चुका है,” — सुरेंद्र वर्मा ने कहा।