रायपुर। छत्तीसगढ़ में भूमि रजिस्ट्री अब पहले से कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो गई है, जिसका श्रेय राज्य सरकार की डिजिटल क्रांति को जाता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटलीकरण के माध्यम से पूरी तरह से बदल दिया है। अब नागरिकों को भूमि रजिस्ट्री के लिए न तो सरकारी दफ्तरों में घंटों लाइन में लगने की आवश्यकता है, न ही बिचौलियों के चक्कर काटने की जरूरत। स्मार्टफोन और ऑनलाइन पोर्टल की मदद से पूरा काम कुछ ही क्लिक में हो जाता है।
डिजिटल रजिस्ट्री प्रणाली की शुरुआत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही ई-गवर्नेंस और डिजिटल सुविधाओं को प्राथमिकता दी थी। इसी दिशा में भूमि रजिस्ट्री को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। अब नागरिक घर बैठे, ऑनलाइन पोर्टल या सुगम मोबाइल एप के माध्यम से अपनी भूमि रजिस्ट्री करवा सकते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया अत्यधिक सरल और पारदर्शी हो गई है।
नवीन रजिस्ट्री प्रक्रिया: सरल और पारदर्शी
नई प्रक्रिया में नागरिकों को अपनी भूमि रजिस्ट्री के लिए सिर्फ पोर्टल या मोबाइल एप पर लॉगिन करना होता है। आधार और पैन कार्ड के जरिए उनकी पहचान तुरंत प्रमाणित हो जाती है। इसके बाद, खरीदार और विक्रेता दोनों को अपनी पहचान और संपत्ति से संबंधित दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड करने होते हैं। ड्रैग और ड्रॉप की सुविधा के कारण दस्तावेज़ अपलोड करना आसान हो गया है, और ये दस्तावेज़ ऑनलाइन सिस्टम द्वारा तुरंत सत्यापित हो जाते हैं। रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप शुल्क का भुगतान ऑनलाइन बैंकिंग, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, या यूपीआई के माध्यम से किया जा सकता है, जिससे बैंकों और स्टांप वेंडरों के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती।
सुगम मोबाइल एप: रजिस्ट्री अब आपकी जेब में
छत्तीसगढ़ सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को मोबाइल एप के जरिए भी पूरी तरह से उपलब्ध करा दिया है। सुगम मोबाइल एप के जरिए नागरिक रियल टाइम में दस्तावेज़ अपलोड कर सकते हैं, रजिस्ट्री की स्थिति देख सकते हैं और डिजिटल डीड (My Deed) को कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप की मदद से नागरिकों को किसी भी समय रजिस्ट्री संबंधित सभी जानकारी मिल सकती है, और कागज़ी दस्तावेज़ों से मुक्ति मिल रही है।
PAN और आधार इंटीग्रेशन: सुरक्षा और पारदर्शिता की गारंटी
पहले भूमि रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा, गलत पते और डुप्लीकेट पहचान की समस्या आम थी। अब PAN और आधार इंटीग्रेशन के कारण हर व्यक्ति की पहचान स्पष्ट होती है, जिससे टैक्स चोरी, ब्लैक मनी और फर्जीवाड़े की संभावना कम हो गई है। इसके साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सुरक्षित डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है।
जियो रिफ्रेशिंग प्रणाली: विवाद रहित भूमि रजिस्ट्री
भूमि विवाद छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में एक बड़ी समस्या रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने जियो रिफ्रेशिंग प्रणाली की शुरुआत की है, जिसमें भूमि की जियो टैगिंग और सैटेलाइट मैपिंग की जाती है। इससे भूमि की स्थिति पोर्टल पर पहले से दिखाई जाती है, और दोहरी बिक्री या धोखाधड़ी की संभावना समाप्त हो जाती है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विज़न
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है, “हमारी जिम्मेदारी है कि नागरिकों को सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और त्वरित सुविधा मिले।” उनके नेतृत्व में भूमि रजिस्ट्री को डिजिटलीकृत करने का कदम छत्तीसगढ़ को एक आदर्श राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो रहा है। इस प्रणाली से न केवल समय और पैसे की बचत हो रही है, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की संभावना भी खत्म हो गई है।
छत्तीसगढ़ ने दिखाया रास्ता: डिजिटल रजिस्ट्री की नई मिसाल
छत्तीसगढ़ की नई डिजिटल भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन गई है। कम्प्यूटरीकृत रजिस्ट्री, सुगम मोबाइल एप, PAN-आधार इंटीग्रेशन, My Deed मॉड्यूल, ऑनलाइन स्टांप वेंडर लोकेशन और जियो रिफ्रेशिंग प्रणाली – ये सभी सुविधाएं नागरिकों को बेहतर अनुभव दे रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह प्रणाली छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना रही है और आने वाले समय में यह राज्य के विकास के एक अहम अंग के रूप में उभरने वाला है।
