रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में फंसे पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में एक साल से अधिक समय बिताने के आधार पर सशर्त जमानत दी थी, लेकिन यह राहत केवल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के केस तक सीमित है।
इस बीच, दिल्ली से पहुंची सीबीआई की टीम ने अनिल टुटेजा के निवास पर दबिश दी है। गौरतलब है कि टुटेजा के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने भी मामला दर्ज किया है, जिसके चलते उन्हें अब तक जेल से रिहाई नहीं मिल सकी है।
ईडी की जांच के अनुसार, भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में सरकारी शराब के नाम पर 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया। इस घोटाले में अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर की भूमिका बताई गई है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर एक सिंडिकेट तैयार कर घोटाले को अंजाम दिया था।
अब सीबीआई की सक्रियता और ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के चलते अनिल टुटेजा की मुश्किलें कम होने की बजाय और बढ़ती नजर आ रही हैं।