छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के जीवन में तकनीक के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी क्रम में राज्य में एग्रीस्टैक पोर्टल को लागू किया जा रहा है, जो खेती से जुड़ी सभी प्रमुख जानकारियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। यह पहल खेती में डिजिटल क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल
एग्रीस्टैक एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम है, जिसमें किसान की पहचान, भूमि अभिलेख, फसल संबंधी जानकारी और कृषि गतिविधियों का पूरा विवरण दर्ज किया जाता है। इस डेटा को किसान की सहमति से ही साझा किया जाता है, जिससे उसकी निजी जानकारी सुरक्षित रहती है।
धान विक्रय के लिए पंजीयन अनिवार्य
इस वर्ष राज्य में सहकारी समितियों के माध्यम से धान विक्रय करने वाले किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचाना है।
किसानों को मिल रहे सीधे लाभ
एग्रीस्टैक के माध्यम से किसानों को अब योजनाओं, सब्सिडियों और सहायता राशि की जानकारी सीधे प्राप्त हो रही है। इससे न केवल बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी, बल्कि लाभ वितरण की प्रक्रिया भी तेज और पारदर्शी बनेगी।
सरल और निःशुल्क पंजीकरण प्रक्रिया
किसान अपने आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या सहकारी समिति में जाकर निःशुल्क पंजीकरण करवा सकते हैं। पूरी प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी होकर किसान को डिजिटल पहचान प्रदान करती है।
24 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं
अब तक 24 लाख से अधिक किसान एग्रीस्टैक पोर्टल से जुड़ चुके हैं और डिजिटल कृषि सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आगामी रबी सीजन तक सभी पात्र किसान इस प्लेटफॉर्म से जुड़कर लाभान्वित हों।
डिजिटल खेती, समृद्ध किसान
एग्रीस्टैक पोर्टल भविष्य में कृषि योजनाओं की रीढ़ साबित होगा। यह किसानों की आय बढ़ाने और खेती को वैज्ञानिक एवं योजनाबद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।