प्रेरणादायक कहानी: “एक ईंट रोज़”
एक छोटे कस्बे में रहने वाला विवेक नाम का युवक बड़े सपने देखता था। उसका सपना था एक दिन अपनी खुद की कंपनी शुरू करना और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना। लेकिन उसके पास न पैसे थे, न पहचान, न कोई सुविधा। जो था, वो था सिर्फ इच्छाशक्ति और उसके पिता की सीख।
विवेक के पिता एक साधारण मजदूर थे। वो हमेशा कहते थे,
“बेटा, बड़ी से बड़ी इमारत भी एक-एक ईंट रखकर बनती है। अगर हर दिन सिर्फ एक ईंट सही से रख दो, तो एक दिन महल खड़ा हो जाएगा।”
विवेक ने यह बात गांठ बाँध ली। उसने तय किया कि हर दिन कुछ नया सीखेगा, कुछ छोटा-सा प्रयास करेगा। कभी वह किताबें पढ़ता, कभी कोई ऑनलाइन वीडियो देखता, कभी छोटे-मोटे काम करता ताकि खर्चा चला सके।
धीरे-धीरे उसमें आत्मविश्वास बढ़ने लगा। सालों की मेहनत के बाद विवेक ने अपनी खुद की टेक्नोलॉजी कंपनी शुरू की। आज उसकी कंपनी सैकड़ों लोगों को रोजगार देती है। वो खुद कहता है,
“मैंने कभी एक रात में बड़ा बनने की कोशिश नहीं की। मैंने हर दिन एक छोटा कदम उठाया – बस वही मेरी सबसे बड़ी ताकत बन गया।”
सीख:
अगर आप हर दिन थोड़ा-थोड़ा मेहनत करें, तो धीरे-धीरे वो मेहनत आपका सपना बनकर हकीकत में बदल जाती है। सफलता कोई जादू नहीं, बल्कि हर दिन के छोटे प्रयासों का परिणाम होती है।