शैक्षिक संस्थानों, अनुसंधान केन्द्रों, कल्याण केन्द्रों और अन्य संस्थानों की संख्या, जहां अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से योग पर अनुसंधान किया जा रहा है, अनुलग्नक में दी गई है।
उपरोक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए 15.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
आयुष मंत्रालय ने विश्व में योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें शामिल हैं:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई): प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए जाने के बाद एक प्रमुख कार्यक्रम बन गया है, जिसमें दूतावासों, योग चिकित्सकों और स्थानीय समुदायों के माध्यम से दुनिया भर में बड़े स्तर पर भागीदारी होती है।
शैक्षिक पहल: पाठ्यक्रमों के माध्यम से योग शिक्षा के लिए समर्थन, तथा विदेशी विश्वविद्यालयों में आयुष पीठों की स्थापना।
योग प्रमाणन बोर्ड (वाईसीबी): आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित वाईसीबी, योग पेशेवरों और संस्थानों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणन प्रदान करता है, जिससे शिक्षण और अभ्यास में गुणवत्ता मानकों को सुनिश्चित किया जाता है। इससे प्रमाणित योग पेशेवरों का एक विश्वसनीय वैश्विक नेटवर्क बनाने में मदद मिलती है।
डिजिटल अभियान और संसाधन: बहुभाषी योग संसाधनों, ऐप्स (जैसे वाई-ब्रेक) और वीडियो का निर्माण, ताकि पहुंच में सुधार हो और विश्व में इसके अभ्यास को बढ़ावा मिले।
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार अपने दूतावासों और उच्चायोगों के माध्यम से सक्रिय रूप से योग जागरूकता और प्रचार कार्यक्रम आयोजित करता है, जिनमें शामिल हैं:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम: दूतावास विश्व भर में स्थानीय संगठनों और समुदायों के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का आयोजन करते हैं।
कार्यशालाएं और प्रदर्शन: विभिन्न देशों में स्थानीय संस्थाओं के साथ साझेदारी में नियमित योग कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र और लाइव प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।
सांस्कृतिक प्रसार: योग को भारतीय सांस्कृतिक उत्सवों और दूतावासों द्वारा आयोजित प्रसार गतिविधियों में शामिल किया गया है।
संसाधन प्रसार: दूतावास विभिन्न भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों में स्थापित आयुष सूचना प्रकोष्ठों के माध्यम से योग सहित आयुष के बारे में जागरूकता फैलाते हैं, ताकि इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संसाधन वितरित किए जा सकें।