कोलकाता। कोलकाता की सड़कों पर दौड़ने वाली मशहूर पीली टैक्सियां अब नए अंदाज में नजर आएंगी। गुरुवार को पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने ‘Yellow Heritage Cabs’ को लॉन्च किया। शुरुआत में 20 नई हेरिटेज कैब्स को उतारा गया है, और जल्द ही 3000 नई पीली टैक्सियां सड़कों पर उतरेंगी।
कोलकाता की विरासत को सहेजने की पहल
➡ पुरानी एंबेसडर पीली टैक्सियों के हटने के बाद एनए मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने मारुति वैगन आर को पीले रंग में पेश किया।
➡ इन कैब्स पर विक्टोरिया मेमोरियल, बोरा ब्रिज और शहीद मीनार जैसी ऐतिहासिक धरोहरों की तस्वीरें लगी होंगी, जिससे कोलकाता की विरासत को संजोया जा सके।

पर्यावरण अनुकूल और सुविधाजनक परिवहन
➡ यह नई टैक्सियां पेट्रोल और सीएनजी से चलेंगी, जिससे प्रदूषण कम होगा और सार्वजनिक परिवहन को मजबूती मिलेगी।
➡ यह पहल न केवल शहर की ऐतिहासिक पहचान को बनाए रखने में मदद करेगी, बल्कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान करेगी।
‘जात्री साथी’ ऐप से होगी बुकिंग
➡ अब यात्रियों को इन हेरिटेज कैब्स को ‘जात्री साथी’ ऐप के जरिए बुक करने की सुविधा मिलेगी।
➡ खास बात यह है कि इन टैक्सियों के ड्राइवरों को कोई कमीशन नहीं देना होगा, जिससे उनकी आय प्रभावित नहीं होगी।
➡ हालांकि, उन्हें ईंधन और रखरखाव के लिए मासिक शुल्क देना होगा, जिसकी राशि जल्द तय की जाएगी।
ड्राइवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा और प्रशिक्षण
➡ कंपनी ड्राइवरों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उपलब्ध कराएगी।
➡ उन्हें विशेष प्रशिक्षण सत्र दिए जाएंगे, ताकि वे यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान कर सकें।
कोलकाता की टैक्सियों का सफर: इतिहास से वर्तमान तक
➡ 1908 में कोलकाता में पहली बार टैक्सियों की शुरुआत इंडियन मोटर टैक्सी कैब एंड इंजीनियरिंग कंपनी ने की थी।
➡ 1957 में हिंदुस्तान मोटर्स ने एंबेसडर कार लॉन्च की, जो पीली टैक्सियों के रूप में लोकप्रिय हुई।
➡ पहले कोलकाता में काली और सफेद टैक्सियां चलती थीं, लेकिन बाद में पीली टैक्सियां कोलकाता की पहचान बन गईं।

विरासत की वापसी
➡ हिंदुस्तान मोटर्स के एंबेसडर का उत्पादन बंद होने के बाद पीली टैक्सियां धीरे-धीरे गायब हो गई थीं।
➡ लेकिन अब Yellow Heritage Cabs के रूप में यह विरासत फिर लौट आई है और कोलकाता की सड़कों पर फिर से एक नया इतिहास लिखने को तैयार है।
कोलकाता की ‘येलो हेरिटेज कैब्स’ अब सिर्फ एक टैक्सी नहीं, बल्कि शहर की ऐतिहासिक धरोहर को जीवंत रखने की एक अनोखी पहल है।