भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत किया गया हमला अब एक बड़े रणनीतिक मोड़ पर पहुंच गया है। 10 मई को भारत की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई में इस्लामाबाद के नज़दीक स्थित नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया गया, जिसे पाकिस्तान की सैन्य प्रणाली का अत्यंत संवेदनशील हिस्सा माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, भारत ने इस हमले में ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया, जिसे पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली ट्रैक तक नहीं कर पाई। इस हमले से न केवल एयरबेस तबाह हुआ, बल्कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को यह आशंका सताने लगी कि भारत का अगला निशाना उनका न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर हो सकता है।
क्यों खास है नूर खान एयरबेस?
रावलपिंडी के चकलाला इलाके में स्थित नूर खान एयरबेस पाकिस्तान की वायुसेना के प्रमुख ऑपरेशनल बेस में से एक है। यहां से फाइटर जेट्स को लॉजिस्टिक सपोर्ट, एयरबोर्न रडार सिस्टम संचालन और सीक्रेट मिलिट्री मिशनों को अंजाम दिया जाता है।
भारत द्वारा की गई इस सटीक स्ट्राइक से न केवल पाकिस्तान की सामरिक तैयारियों को झटका लगा, बल्कि यह संदेश भी गया कि भारत की मिसाइलें रणनीतिक लक्ष्यों को ध्वस्त करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
पाकिस्तान पहुंचा अमेरिका के पास
हमले के बाद पाकिस्तान ने कूटनीतिक रूप से अमेरिका और अन्य देशों से संपर्क साधा। सूत्र बताते हैं कि नूर खान एयरबेस के ध्वस्त होने के बाद पाकिस्तान को आशंका थी कि भारत के अगले टारगेट में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी या कमांड सिस्टम भी हो सकता है। इसी डर के चलते पाकिस्तानी सेना और सरकार ने तत्काल युद्धविराम की पहल की।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत अब तक की बड़ी कार्रवाई:
- 7 मई को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक
- 9 से 10 मई की दरम्यानी रात भारत ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस पर मिसाइल हमले किए
- नूर खान, मुरीद (चकवाल) और रफीकी (शोरकोट) एयरबेस बुरी तरह तबाह
- पाकिस्तान की एयर डिफेंस पूरी तरह विफल रही, मिसाइलों को नहीं पकड़ पाया
भारतीय सेना की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
हालांकि भारत सरकार या सेना की ओर से अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किन हथियारों का उपयोग किया गया या नूर खान एयरबेस हमले का उद्देश्य क्या था। लेकिन पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और उसकी हड़बड़ाहट यह दिखा रही है कि यह हमला सामान्य नहीं था।
तनाव के बीच युद्धविराम की घोषणा
10 मई की शाम अचानक युद्धविराम (सीजफायर) की खबरें सामने आईं। माना जा रहा है कि यह सीजफायर अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की सैन्य बढ़त के चलते हुआ।
निष्कर्ष:
नूर खान एयरबेस पर भारत का हमला ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतिक गहराई को दर्शाता है। इससे पाकिस्तान की कमर टूट गई है और अब वह कूटनीतिक स्तर पर समर्थन खोज रहा है। इस हमले ने यह भी जता दिया कि भारत अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की नीति पर चल पड़ा है – चाहे उसके लिए दुश्मन के संवेदनशील ठिकानों पर भी क्यों न वार करना पड़े।