नई दिल्ली/स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली द्वारा टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा ने पूरे देश को भावनाओं के ज्वार में डुबो दिया है। क्रिकेट जगत, आम नागरिकों और यहां तक कि भारतीय सेना के अधिकारियों तक, हर किसी ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। इस क्रम में सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भी कोहली को श्रद्धांजलि स्वरूप अपनी भावनाएं साझा कीं।
एक उच्च स्तरीय रक्षा ब्रीफिंग के दौरान, जहां लेफ्टिनेंट जनरल घई वायुसेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे, उन्होंने विराट कोहली के संन्यास को लेकर अपने व्यक्तिगत विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा, “विराट कोहली मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी बल्लेबाज़ी की तकनीक, मानसिक दृढ़ता और मैदान पर जुनून अद्वितीय रहा है। उनके जैसा खिलाड़ी बार-बार नहीं आता।”
जनरल घई ने क्रिकेट और रक्षा रणनीतियों के बीच समानता स्थापित करते हुए 1970 के दशक की प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई कहावत का उल्लेख किया: “राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली पकड़ लेगा।” उन्होंने समझाया कि जैसे क्रिकेट में हर रणनीति के पीछे गहराई और योजना होती है, वैसे ही देश की रक्षा भी रणनीतिक दृष्टिकोण और सोच की मांग करती है।
विराट कोहली ने रविवार को अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट के जरिए टेस्ट क्रिकेट से विदाई की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “14 साल पहले जब मैंने पहली बार बैगी ब्लू कैप पहनी थी, तब से यह सफर मुझे गढ़ता चला गया। इसने मुझे परखा, सिखाया और मज़बूत बनाया। अब समय आ गया है कि मैं यह अध्याय बंद करूं।”
कोहली का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा। टेस्ट कैप नंबर 269 के रूप में उन्होंने जिस समर्पण और जुनून के साथ देश का प्रतिनिधित्व किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
भारतीय सेना की शीर्ष अधिकारी द्वारा व्यक्त की गई यह प्रतिक्रिया इस बात को दर्शाती है कि विराट कोहली का प्रभाव सिर्फ खेल जगत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने पूरे देश को अनुशासन, प्रतिबद्धता और नेतृत्व का संदेश दिया। उनके जाने से टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत जरूर हुआ है, लेकिन उनकी विरासत हमेशा कायम रहेगी।