नई दिल्ली: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने 23 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। गृह मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई को इस्तीफे की सूचना मिलने के बाद यह कदम उठाया गया। संविधान के अनुच्छेद 324 और राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 और 1974 के तहत, आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाएगा।
चुनाव प्रक्रिया के प्रमुख चरण
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया व्यवस्थित और पारदर्शी ढंग से शुरू की गई है, जिसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- मतदाता सूची की तैयारी: निर्वाचक मंडल की मतदाता सूची तैयार की जाएगी, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होंगे। सूची को अंतिम रूप (फ्रीज) देने के बाद नए नाम जोड़े नहीं जा सकेंगे।
- रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति: लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव बारी-बारी से रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त होंगे। संसद परिसर में सहायक रिटर्निंग ऑफिसर भी तैनात किए जाएंगे।
- चुनाव कार्यक्रम की घोषणा: एक समिति पिछले चुनावों की कमियों का अध्ययन करेगी ताकि इस बार त्रुटियों से बचा जा सके। इस प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा, जिसके बाद चुनाव की तारीख घोषित होगी।
- अधिसूचना का समय: सामान्य कार्यकाल की समाप्ति पर, अधिसूचना निवर्तमान उपराष्ट्रपति के कार्यकाल समाप्त होने से कम से कम 60 दिन पहले या बाद में जारी होती है। चूंकि यह इस्तीफे के कारण रिक्ति है, प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
निर्वाचक मंडल और मतदान प्रणाली
संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इसमें शामिल हैं:
- राज्यसभा: सभी निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य।
- लोकसभा: सभी निर्वाचित सदस्य।
प्रत्येक सांसद का मत समान मूल्य (एक वोट) रखता है। चुनाव एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) के तहत गुप्त मतदान द्वारा आयोजित होगा।
मतदान के नियम
- मतदाताओं को मतपत्र पर उम्मीदवारों के सामने प्राथमिकताएं (1, 2, 3…) अंकित करनी होंगी। ये प्राथमिकताएं भारतीय अंकों, रोमन अंकों, या मान्यता प्राप्त भारतीय भाषाओं के अंकों में हो सकती हैं, लेकिन शब्दों में नहीं।
- पहली प्राथमिकता अंकित करना अनिवार्य है, जबकि अन्य वैकल्पिक हैं।
- मतदान के लिए विशेष स्याही वाला पेन प्रदान किया जाएगा। अन्य पेन से भरे गए मतपत्र अमान्य माने जाएंगे।
- मतपत्र को मतपेटी में डालने से पहले ठीक से मोड़ना होगा, और इसे किसी को दिखाना सख्त मना है।
- राजनीतिक दल सांसदों को किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकते।
नामांकन प्रक्रिया
- उम्मीदवारों को नामांकन पत्र (फॉर्म 3) नई दिल्ली में निर्दिष्ट स्थान पर रिटर्निंग ऑफिसर को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच (छुट्टियों को छोड़कर) जमा करना होगा।
- प्रत्येक नामांकन पत्र पर कम से कम 20 प्रस्तावकों और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। एक मतदाता केवल एक नामांकन पत्र पर प्रस्तावक या अनुमोदक हो सकता है।
- एक उम्मीदवार अधिकतम चार नामांकन पत्र जमा कर सकता है।
- सुरक्षा जमा राशि 15,000 रुपये है, जिसे नामांकन पत्र के साथ या पहले आरबीआई या सरकारी खजाने में जमा करना होगा।
- निर्वाचक मंडल की अद्यतन सूची 50 रुपये प्रति सूची की दर से आयोग से खरीदी जा सकती है और यह आयोग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी।
मतगणना और परिणाम
- मतगणना उसी दिन शाम को नई दिल्ली में रिटर्निंग ऑफिसर की निगरानी में होगी।
- परिणाम घोषित होने के बाद, ‘निर्वाचन विवरणी’ (फॉर्म 7) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
- यदि रिश्वतखोरी या अनुचित प्रभाव (आईपीसी की धारा 171बी और 171सी) सिद्ध होता है, तो सर्वोच्च न्यायालय चुनाव को रद्द कर सकता है।
पारदर्शिता और पर्यावरणीय उपाय
चुनाव आयोग पर्यावरण-अनुकूल चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्लास्टिक और प्रतिबंधित सामग्रियों के उपयोग पर रोक के निर्देश दिए गए हैं। मतदान केंद्रों पर भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में तैनात होंगे। प्रत्येक उम्मीदवार लिखित अनुमति के साथ मतदान और मतगणना केंद्रों के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है।