वॉशिंगटन/कीव, 22 अप्रैल 2025: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद के संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा यू-टर्न लिया है। हालिया बयान में ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि यदि वह दोबारा सत्ता में आते हैं, तो वह क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानने के लिए तैयार हो सकते हैं – बशर्ते इससे यूक्रेन युद्ध पर शांति समझौता संभव हो।
कूटनीतिक हलचलें तेज
ट्रंप के इस बयान ने अमेरिका और यूरोप के बीच रणनीतिक और नैतिक दृष्टिकोण को लेकर नई बहस छेड़ दी है। 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया था, तब अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाकर रूस को G-8 से बाहर कर दिया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग-थलग करने की कोशिश की थी।
रूस-चीन की ‘नो लिमिट पार्टनरशिप’ का जिक्र
इसी तनावपूर्ण पृष्ठभूमि में रूस और चीन के बीच कथित रूप से “नो लिमिट पार्टनरशिप” की शुरुआत हुई, जिससे वैश्विक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव देखने को मिला। ट्रंप के रुख में यह बदलाव अमेरिका की बदलती विदेश नीति की झलक भी देता है, खासकर उस समय जब चीन और रूस के बीच सहयोग लगातार गहराता जा रहा है।
राजनीतिक हलकों में मचा हलचल
ट्रंप के बयान से अमेरिकी राजनीति में विवाद गहरा गया है। जहां रिपब्लिकन खेमे के कुछ नेता इस बयान को “प्रैक्टिकल अप्रोच” बता रहे हैं, वहीं डेमोक्रेट्स और यूक्रेनी नेतृत्व इसे यूक्रेन की संप्रभुता के खिलाफ मान रहे हैं।
अब देखना होगा कि ट्रंप की इस पॉलिसी शिफ्ट का असर अमेरिका की अगली विदेश नीति दिशा और यूक्रेन युद्ध के संभावित समाधान पर कितना पड़ता है।