नई दिल्ली, 2 मई 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद एक वकील द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर आज अदालत ने सख्त रुख अपनाया। याचिका में हमले के मद्देनजर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने याचिका को खारिज किया
सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से स्पष्ट रूप से पूछा, “आपका असली मकसद क्या है?” कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि यह याचिका जनहित से अधिक प्रचार पाने की कोशिश लग रही है।
अदालत ने कहा,
“आप एक या दूसरी कथित जनहित याचिका में लिप्त रहते हैं। यह स्पष्ट है कि इनका उद्देश्य पब्लिसिटी हासिल करना है, न कि किसी वास्तविक सार्वजनिक हित की सेवा करना। ऐसी याचिकाओं को अदालत का समय बर्बाद करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि जनहित याचिकाओं का दुरुपयोग किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता की ओर से दावा किया गया कि “यह पहली बार है जब आतंकी हमले में पर्यटकों को सीधे तौर पर निशाना बनाया गया है। हमारी चिंता केवल देश और विशेष रूप से घाटी में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर है।” हालांकि, अदालत ने इस दलील को तवज्जो नहीं दी और याचिका को पूरी तरह निराधार बताया।
पृष्ठभूमि
हाल ही में पहलगाम के बैसरन घाटी इलाके में हुए आतंकी हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय टट्टू चालक की हत्या कर दी गई थी। इस हमले ने पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ा दी थी और इसे लेकर केंद्र सरकार भी कड़ी प्रतिक्रिया दे चुकी है।