शहडोल: देशद्रोही वाले बयान पर बाबा बागेश्वर को कोर्ट का नोटिस, 20 मई को पेश होने का आदेश
शहडोल: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बाबा बागेश्वर) को शहडोल जिला न्यायालय से समन भेजा गया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। यह नोटिस प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दौरान दिए गए उनके एक कथित विवादित बयान को लेकर जारी हुआ है।
क्या था बाबा बागेश्वर का बयान?
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ का आयोजन हुआ था, जिसमें बाबा बागेश्वर भी शामिल हुए थे। एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने कहा था:
“हमारे जैसे देसी आदमी ने भी डुबकी लगाई है। जिनके अंदर आस्था नहीं है, उन्हें इसमें अव्यवस्था दिखती है। हज की यात्रा करने या कैंडल जलाने से गरीबी दूर नहीं होती है। लेकिन डुबकी लगाने से बीमारियां दूर होती हैं… जो व्यक्ति नहीं आएगा, वह देशद्रोही कहलाएगा।”
विरोध और शिकायत
बाबा के इस बयान पर पूर्व शासकीय अधिवक्ता एवं अधिवक्ता संघ शहडोल के पूर्व अध्यक्ष संदीप कुमार तिवारी ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई और सवाल उठाया:
“क्या सीमाओं की रक्षा में तैनात सैनिक, अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टर, पुलिसकर्मी या ड्यूटी पर मौजूद न्यायिक अधिकारी अगर महाकुंभ में नहीं आए, तो क्या वे देशद्रोही कहलाएंगे?”
न्यायिक हस्तक्षेप
शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई न होने पर मामला पुलिस अधीक्षक के समक्ष गया। अंततः 3 मार्च 2025 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, शहडोल के समक्ष एक आपराधिक परिवाद दाखिल किया गया। अदालत ने 15 मई को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत से बाबा बागेश्वर को समन जारी करते हुए 20 मई को उपस्थित होने का आदेश दिया है।
वकील का तर्क
वकील संदीप तिवारी का कहना है कि, “यदि सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों पर एफआईआर दर्ज हो सकती है, तो सार्वजनिक मंच से दिए गए ऐसे भड़काऊ और विभाजनकारी बयान पर कार्रवाई क्यों न हो?”