नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने चीन का दौरा करेंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनकी चीन की पहली यात्रा होगी, जो 2020 में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़पों के बाद हो रही है। यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों में सुधार और सामरिक मुद्दों पर संवाद को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
2020 के बाद पहली यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी की यह चीन यात्रा 2020 में गलवान घाटी में हुए सैन्य संघर्ष के बाद हो रही है, जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस घटना के बाद, दोनों देशों के बीच सामरिक और कूटनीतिक संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद, दोनों देशों के बीच कई महीनों तक तनाव रहा था।
पीएम मोदी का चीन दौरा और शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री मोदी चीन की दो दिन की यात्रा से पहले 30 अगस्त 2025 को जापान का दौरा करेंगे। इस यात्रा में वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन के तियानजिन जा चुके थे।
भारत-चीन संबंधों में सुधार
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच हुए पहले संवाद के रूप में महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ समय में, दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार देखने को मिला है। उदाहरण के तौर पर, 23 अक्टूबर 2024 को कजान में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने 2020 में सीमा विवादों के समाधान के लिए किए गए समझौते का स्वागत किया था। इस समझौते में सीमा क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी और शांति स्थापना पर सहमति बनी थी, जिससे दोनों देशों के संबंधों में सुधार हुआ था।
जयशंकर ने बताया सुधार का मार्ग
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी हाल ही में एससीओ सम्मेलन के दौरान चीन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को दोनों देशों के बीच रिश्तों में आए सुधार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वांग यी, चीनी विदेश मंत्री से भी मुलाकात की और कहा कि पिछले 9 महीनों में दोनों देशों के संबंधों में अच्छी प्रगति देखी गई है और सामान्य स्थिति की ओर बढ़ने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।
गांभीर्य से देखी जा रही यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी का यह चीन दौरा और उनके संबंध सुधार प्रयास दोनों देशों के रिश्तों को नया मोड़ देने के लिए अहम है। यह यात्रा चीन और भारत के बीच कूटनीतिक समन्वय और सामरिक विश्वास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।