भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा भू-राजनीतिक कदम उठाया गया है। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्थित बगलिहार बांध से पाकिस्तान जाने वाले चिनाब नदी के पानी को रोक दिया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब पाकिस्तान ने शनिवार को सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जिससे क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ गया है।
सूत्रों के अनुसार, भारत की यह प्रतिक्रिया ना केवल जल क्षेत्र में दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश भी देती है कि वह आतंकी गतिविधियों और उकसावे की कार्रवाइयों का माकूल जवाब देने के लिए तैयार है।
इससे पहले भारत ने अपने सभी बंदरगाहों पर पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों की डॉकिंग पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। यह निर्णय पाकिस्तान के लगातार उकसावे, बैसरन घाटी में हालिया आतंकी हमले और मिसाइल परीक्षण के बाद लिया गया है।
क्या है बगलिहार बांध की भूमिका?
बगलिहार बांध जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में चिनाब नदी पर स्थित है। यह बांध पाकिस्तान के लिए जल आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, विशेषकर पंजाब और सिंध प्रांतों के कृषि क्षेत्रों के लिए। इस बांध से पानी रोके जाने से पाकिस्तान की खेती, पेयजल और बिजली आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है।
भारत का यह कदम 1960 की इंडस वाटर ट्रीटी (सिंधु जल संधि) के तहत उसके अधिकारों के अंतर्गत आता है, जिसमें भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलज) पर पूर्ण अधिकार और पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर सीमित उपयोग की अनुमति है। हालांकि, बगलिहार परियोजना के तहत भारत को बिजली उत्पादन के लिए पानी रोकने का हक है।
भारत का रुख सख्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में रक्षा सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ की गई उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में आतंकी गतिविधियों का जवाब देने के लिए बहुस्तरीय रणनीति पर चर्चा हुई, जिसमें आर्थिक, सैन्य और जल कूटनीति सभी शामिल थे।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की ओर से अभी तक इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जल आपूर्ति में रुकावट से वहां गंभीर जल संकट उत्पन्न हो सकता है, जिसका असर कृषि, उद्योग और आम जनजीवन पर पड़ना तय है।