भोपाल।
मध्य प्रदेश में बीते 8 वर्षों से छात्र संघ चुनाव न कराए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार और 16 विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि छात्र संघ चुनाव को लेकर लंबी चुप्पी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि छात्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, और चुनाव का अवसर न देना संविधान के मूल अधिकारों का हनन है।
NSUI नेता ने लगाई थी याचिका
यह याचिका छात्र संगठन NSUI के प्रदेश सचिव अदनान अंसारी द्वारा वर्ष 2024 में दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि राज्य की विभिन्न यूनिवर्सिटियों में बीते आठ सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे छात्रों को प्रतिनिधित्व का अधिकार नहीं मिल रहा है।
किन-किन यूनिवर्सिटी पर सवाल
इस याचिका में मध्य प्रदेश की 16 यूनिवर्सिटी को पक्षकार बनाया गया है, जिनमें बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी, विक्रम यूनिवर्सिटी, रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी समेत कई प्रमुख संस्थान शामिल हैं।
क्या है अगला कदम?
अब अदालत ने राज्य सरकार और सभी संबंधित विश्वविद्यालयों से जवाब तलब किया है। सुनवाई की अगली तारीख जल्द तय की जाएगी। छात्र संगठनों का कहना है कि यदि समय रहते चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
छात्र राजनीति से जुड़े लोग इसे युवाओं के लोकतांत्रिक अधिकारों से जोड़ रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा।