नई दिल्ली। मुंबई में आयोजित द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में भारत और ब्रिटेन ने 468 मिलियन डॉलर (करीब 3884 करोड़ रुपये) की एक प्रमुख रक्षा डील पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत ब्रिटेन भारतीय सेना को हल्के वजन वाली बहुउद्देशीय मिसाइलें (Lightweight Multi-Role Missiles) उपलब्ध कराएगा, जिनका निर्माण फ्रांसीसी कंपनी Thales द्वारा किया जाएगा।
सौदे का महत्व
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ने इस करार को रक्षा क्षेत्र और भारत के साथ सामरिक संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया है। मिसाइलें उत्तरी आयरलैंड में स्थित थेल्स के प्लांट में निर्मित होंगी, और इस प्रक्रिया से लगभग 700 ब्रिटिश नौकरियां सुरक्षित होंगी।
ब्रिटेन ने साथ ही भारत के साथ नौसैनिक जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक इंजन तकनीक पर भी समझौता किया, जिसकी शुरुआती कीमत 250 मिलियन पाउंड आंकी गई है।

पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि साझा उन्नति, समृद्धि और जनता के हित में मार्गदर्शक है। उन्होंने यह भी कहा कि यह डील लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को सशक्त बनाएगी और युवाओं के लिए नई रोजगार संभावनाओं के द्वार खोलेगी।
मोदी ने याद दिलाया कि इस वर्ष जुलाई में ब्रिटेन यात्रा के दौरान व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) पर सहमति बनी थी, और वर्तमान रक्षा एवं प्रौद्योगिकी करार ने भारत-यूके संबंधों को और मजबूत किया है।
बहुआयामी साझेदारी
इस समझौते के साथ ही भारत-ब्रिटेन के बीच बहुआयामी साझेदारी और अधिक मजबूत हुई है, जिसमें रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापारिक सहयोग शामिल है। दोनों देश वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में रणनीतिक और आर्थिक रूप से एक-दूसरे के करीब आए हैं।
