महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कथित फिक्सिंग को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा जवाब दिया है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की चिंताओं का विस्तृत जवाब दिसंबर 2024 से ही चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
राहुल गांधी ने हाल ही में एक पोस्ट में चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए फर्जी मतदाताओं को जोड़ने, मतदान प्रतिशत बढ़ाने, फर्जी मतदान कराने और सबूत छिपाने जैसे हथकंडे अपनाए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इसी तरह की धांधली बिहार जैसे राज्यों में भी हो सकती है, जहां भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के दावों को “निराधार” और “कानून के शासन का अपमान” बताया। आयोग ने अपने बयान में कहा कि इस तरह के आरोप बिना किसी सबूत के लगाए गए हैं और ये केवल चुनाव प्रक्रिया में भरोसा घटाने का काम कर रहे हैं। आयोग ने यह भी कहा कि इस तरह के दावे न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करते हैं, बल्कि हजारों कर्मचारियों के मनोबल को भी गिराते हैं, जो निष्पक्ष चुनाव के लिए अथक परिश्रम करते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा नियुक्त हजारों कर्मचारियों की निगरानी में चुनाव कराए जाते हैं और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होती है। इस दौरान किसी भी अनियमितता की गुंजाइश नहीं होती।
उधर, भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ने की कोशिश कर रही है।
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों से अपील की है कि वे लोकतंत्र की मजबूती के लिए जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करें और बिना किसी ठोस आधार के झूठे आरोपों से बचें।
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