चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को गोरखपुर में कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान का ‘हज़ार ज़ख्म’ देने वाला छद्म युद्ध भारत की दूसरी बड़ी चुनौती है।
जनरल चौहान ने कहा कि देशों के सामने आने वाली चुनौतियाँ क्षणिक नहीं होतीं, बल्कि वे समय-समय पर अलग रूप में सामने आती रहती हैं। उन्होंने कहा—
“मेरा मानना है कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और आगे भी रहेगा। पाकिस्तान की रणनीति हमेशा से भारत को हज़ार ज़ख्म देकर कमजोर करने की रही है। यह हमारे लिए दूसरी बड़ी चुनौती है।”
सीडीएस ने बदलते युद्ध क्षेत्र पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब युद्ध सिर्फ जमीनी, समुद्री या हवाई नहीं रहा, बल्कि साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र तक फैल चुका है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के दोनों प्रमुख प्रतिद्वंद्वी परमाणु शक्ति संपन्न हैं, ऐसे में उनके खिलाफ किसी भी अभियान की रणनीति तय करना हमेशा कठिन होता है।
जनरल चौहान ने अपने संबोधन में मई में किए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में चलाया गया था। इसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों को पूरी तरह परिचालन की स्वतंत्रता दी गई थी।
उन्होंने कहा—
“ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ बदला लेना नहीं था, बल्कि यह दिखाना था कि हमारे धैर्य की सीमा कहां तक है।”
