हैदराबाद/नई दिल्ली: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके Axiom Mission 4 के तीन अन्य साथी Peggy Whitson (अमेरिका), Slawosz Uznanski-Wisniewski (पोलैंड) और Tibor Kapu (हंगरी) 18 दिनों की सफल अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौटने के लिए रवाना हो चुके हैं। इनका स्पेसक्राफ्ट “ड्रैगन” अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अनडॉक हो चुका है और ये दल आज, 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (IST) कैलिफ़ोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा।
वापसी की तकनीकी टाइमलाइन
Axiom-4 मिशन की वापसी की प्रक्रिया भारतीय समयानुसार 14 जुलाई दोपहर से शुरू हुई, जब 2:50 PM पर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का हैच बंद हुआ। उसके बाद 4:45 PM पर ISS से अनडॉकिंग हुई, जो पहले तय समय से करीब 10 मिनट की देरी से हुई। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट ने धरती की दिशा में एक-एक कर चार डिपार्चर बर्न्स पूरे किए।
आज यानी 15 जुलाई को दोपहर 2:07 PM पर Deorbit Burn किया जाएगा, जो पृथ्वी की ओर अंतिम प्रस्थान का संकेत होगा। इसके बाद ड्रैगन से ट्रंक अलग होगा और नोज़कोन बंद कर दी जाएगी। अंतिम चरण में 2:57 PM पर स्टेबलाइज़िंग पैराशूट और 2:58 PM पर मुख्य पैराशूट खुलेंगे। दोपहर 3:00 बजे यह स्पेसक्राफ्ट कैलिफ़ोर्निया के तट के पास समुद्र में लैंड करेगा।
Axiom Mission 4 वापसी की टाइमलाइन (भारतीय समयानुसार)
तारीख | समय | इवेंट |
---|---|---|
14 जुलाई | 2:50 PM | Dragon Hatch Closure (कैप्सूल का हैच बंद) |
14 जुलाई | 4:35 PM | Dragon का ISS से स्वचालित Undocking |
14 जुलाई | 4:35 PM | Departure Burn 0 |
14 जुलाई | 4:40 PM | Departure Burn 1 |
14 जुलाई | 5:28 PM | Departure Burn 2 |
14 जुलाई | 6:15 PM | Departure Burn 3 |
15 जुलाई | 2:07 PM | Deorbit Burn (पृथ्वी के लिए ऑर्बिट से बाहर निकलने की प्रक्रिया होगी) |
15 जुलाई | 2:26 PM | Trunk Jettison (ट्रंक को अलग किया जाएगा) |
15 जुलाई | 2:30 PM | Nosecone Closed (नोसकोन को बंद किया जाएगा) |
15 जुलाई | 2:57 PM | Drogue Parachutes Deploy (स्टेबलाइज़िंग पैराशूट खुलेंगे) |
15 जुलाई | 2:58 PM | Main Parachutes Deploy (मुख्य पैराशूट खुलेंगे) |
15 जुलाई | 3:00 PM | Dragon का Splashdown कैलिफ़ोर्निया के तट पर होगा |
‘सारे जहां से अच्छा’ फिर गूंजा अंतरिक्ष में
मिशन की विदाई से पहले एक भावुक समारोह हुआ, जिसमें सभी देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान शुभांशु शुक्ला ने 41 साल पहले अंतरिक्ष में गए भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के मशहूर शब्द दोहराए “अंतरिक्ष से भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गर्व से भरा हुआ दिखता है। यह मेरे लिए गर्व का क्षण है और मैं जल्द ही धरती पर मुलाकात करूंगा।”
96 लाख किलोमीटर और 230 सूर्योदय
Axiom Space के मुताबिक, इस मिशन के दौरान चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने लगभग 96.5 लाख किलोमीटर की दूरी तय की और 230 से अधिक सूर्योदय देखे। पृथ्वी पर लौटने के बाद सभी क्रू मेंबर्स को एक 7-दिन के रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम से गुजरना होगा, ताकि उनकी बॉडी माइक्रोग्रैविटी से सामान्य गुरुत्वाकर्षण में ढल सके।
ISRO की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह पुनर्वास कार्यक्रम गगनयात्रियों को शारीरिक और मानसिक रूप से अनुकूलन में मदद करेगा और भविष्य के मिशनों के लिए भी उपयोगी अनुभव प्रदान करेगा।