नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 का परिणाम 22 अप्रैल को घोषित किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की शक्ति दुबे ने देशभर में टॉप कर ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की. यह उपलब्धि न केवल उनके अथक परिश्रम और समर्पण की मिसाल है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है जो सिविल सेवा में करियर बनाने का सपना देखते हैं.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शक्ति दुबे मूल रूप से बलिया की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई प्रयागराज से पूरी की. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में B.Sc. करने के बाद उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से इसी विषय में M.Sc. की डिग्री हासिल की. विज्ञान पृष्ठभूमि होने के बावजूद UPSC की तैयारी में उन्होंने राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना.
सात साल का संघर्ष
शक्ति ने 2018 में UPSC की तैयारी शुरू की थी. इस सफर में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन अनुशासन, धैर्य और निरंतर मेहनत ने उन्हें सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया. संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने खुद को पढ़ाने और दूसरों को ट्यूशन देने के जरिए अपने खर्चों को संभाला.
परिवार का सहयोग
शक्ति के पिता देवेंद्र कुमार दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. परिणाम आने के बाद उन्होंने भावुक होकर कहा, “बेटी पिछले साल इंटरव्यू तक पहुंची थी, इस बार भगवान ने कृपा की. हमने हमेशा बच्चों को पढ़ने की आज़ादी दी और बेटी ने हमें गर्वित कर दिया.”
देवेंद्र बताते हैं कि ड्यूटी के बावजूद उन्होंने हमेशा बेटी के सपनों में साथ दिया, वहीं घर पर मां ने हर कदम पर शक्ति का संबल बनकर साथ निभाया.
गोल्ड मेडलिस्ट और सदैव टॉपर
परिवार के मुताबिक, शक्ति हमेशा पढ़ाई में अव्वल रही हैं. स्नातक में गोल्ड मेडलिस्ट रही शक्ति ने M.Sc. में भी शानदार प्रदर्शन किया. उनका शैक्षणिक रिकॉर्ड हमेशा प्रेरणादायी रहा है.
UPSC 2024 में आंकड़े और शक्ति की रणनीति
इस वर्ष कुल 9,92,599 उम्मीदवारों ने UPSC CSE के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 5,83,213 अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए. मुख्य परीक्षा के लिए 14,627 उम्मीदवार चयनित हुए और अंततः 1,009 को सेवाओं के लिए सफल घोषित किया गया. इन सबमें शक्ति दुबे ने प्रथम स्थान प्राप्त कर देशभर में नाम रोशन किया.
शक्ति की सफलता का मूल मंत्र था– सुनियोजित रणनीति, आत्मविश्वास और मानसिक संतुलन. उन्होंने नियमित अध्ययन के साथ मॉक टेस्ट और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण कर तैयारी को धार दी. उनका मानना है कि “सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, संतुलित सोच और धैर्य से मिलती है.”