दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन रविवार शाम उस समय विवादों में घिर गया जब प्रदर्शनकारियों के समूह में से एक व्यक्ति द्वारा शीर्ष माओवादी कमांडर माडवी हिडमा का पोस्टर लहराते हुए देखा गया। पोस्टर के सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया और प्रदर्शन स्थल पर तनाव तेजी से बढ़ गया।
हिडमा का पोस्टर क्यों बना विवाद?
हिडमा—जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था—18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।
वह—
- 2017 का बुर्कापाल हत्याकांड,
- 2010 का चिंतलनार हमला,
- और बस्तर में कई बड़े नक्सली हमलों
का मास्टरमाइंड माना जाता था।
प्रदूषण विरोध के बीच उसका पोस्टर दिखाई देना सुरक्षा एजेंसियों और राजनीतिक दलों दोनों के लिए चौंकाने वाला रहा।
प्रदर्शन के दौरान हिंसा, मिर्च पाउडर का इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के अनुसार, सी-हेक्सागन क्षेत्र में बैठे प्रदर्शनकारियों ने प्रदूषण के खिलाफ नारेबाज़ी की, लेकिन स्थिति तब बिगड़ी जब—
- प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दी,
- पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की,
- और उन्हें हटाने पहुंचे अधिकारियों पर मिर्च पाउडर व काली मिर्च स्प्रे फेंका।
पुलिस ने बताया कि 3–4 अधिकारियों को आंखों और चेहरे पर चोटें आईं, जिन्हें RML अस्पताल में भर्ती कराया गया।
15 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद कुल 15 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप हैं—
- सरकारी अधिकारियों पर हमला,
- कानून व्यवस्था भंग करना,
- और यातायात बाधित करना।
राजनीतिक पल्ला झाड़ने की कोशिशें
दिल्ली स्वच्छ वायु समन्वय समिति के अनुसार यह कार्यक्रम केवल प्रदूषण के खतरे को रेखांकित करने के लिए था।
माओवादी पोस्टर लाने वालों के बारे में आयोजकों ने कहा—
“कुछ लोग बिना अनुमति के सभा में घुस आए। उनका हमारे कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं।”
हालांकि, विपक्ष ने इसे “आतंकी विचारधारा के महिमामंडन” की कोशिश बताते हुए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है।
