झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) को लेकर दिए बयान ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है। मंत्री द्वारा कथित तौर पर लोगों से यह कहने पर कि “अगर BLO घर आए तो उसे अंदर बंद कर दो”, विवाद गहरा गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने इस पर रिपोर्ट तलब की है।
क्या कहा था मंत्री ने?
जामताड़ा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अंसारी ने लोगों से कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची की प्रक्रिया में “गड़बड़ी” की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई BLO लोगों के नाम कटवाने के लिए घर-घर जाकर दबाव बना रहे हैं।
अंसारी के बयान पर विवाद तब बढ़ा जब उन्होंने कहा—
“अगर BLO आपके घर आए तो उसे अंदर बंद कर दें और मेरे आने के बाद ही छोड़ें।”
मंत्री की सफाई
विवाद बढ़ने के बाद इरफान अंसारी ने कहा कि उनकी बातों को गलत संदर्भ में पेश किया गया।
मंत्री ने साफ किया—
- “मैंने BLO के खिलाफ नहीं कहा।
- हमारे क्षेत्र में फर्जी BLO बनकर कुछ लोग गरीबों को धमका रहे थे।
- ऐसे संदिग्ध लोगों को पकड़कर प्रशासन को सौंपने की बात कही थी।”
उन्होंने यह भी कहा कि SIR प्रक्रिया सही तरीके से लागू हो ताकि किसी गरीब या वंचित नागरिक का नाम सूची से गलत तरीके से न हटाया जाए।
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने मंत्री के बयान को “लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान” बताया।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा—
“BLO जैसे जमीनी स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर ईमानदारी से काम करते हैं। उन्हें रोकने या ‘बंद करने’ की बात करना गैर-जिम्मेदाराना है। कांग्रेस शुरुआत से घुसपैठियों का समर्थन करती रही है।”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जामताड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी से तुरंत रिपोर्ट मांगी है।
आयोग का कहना है कि—
- SIR प्रक्रिया नियमित रूप से चलने वाली संवैधानिक प्रक्रिया है।
- इसका उद्देश्य मृत, डुप्लिकेट और अयोग्य प्रविष्टियों को हटाकर मतदान सूची को अपडेट करना है।
कांग्रेस का पक्ष
कांग्रेस पहले ही SIR का विरोध कर रही है और कहती है कि—
- यह प्रक्रिया आम लोगों के नाम हटाने की कोशिश है।
- 15 दिसंबर तक इसके खिलाफ बूथ लेवल एजेंट तैनात किए जाएंगे।
