जिनेवा। अमेरिका, भारत, सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड समेत कई देशों में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बढ़ती रफ्तार पर चिंता जताते हुए एक नई एडवाइजरी जारी की है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोविड-19 के कई नए वैरिएंट्स सामने आए हैं, जिनमें NB.1.8.1, JN.1 और KP.2 शामिल हैं। ये सभी ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स हैं।
भारत में तेजी से फैल रहा NB.1.8.1 और LF.7 वैरिएंट
डब्ल्यूएचओ ने बताया कि NB.1.8.1 फिलहाल चीन, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में बड़ी तेजी से फैल रहा है। वहीं भारत सहित कई देशों में NB.1.8.1 और LF.7 के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिससे संक्रमण की दर में उल्लेखनीय इजाफा देखा गया है।

NB.1.8.1 को मिला ‘वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग’ का दर्जा
वायरस की बदलती प्रकृति को देखते हुए WHO ने NB.1.8.1 को अब “वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग” की श्रेणी में शामिल कर लिया है। पहले इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की श्रेणी में रखा गया था। यह बदलाव संकेत देता है कि इस वैरिएंट पर अब विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।
वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग का मतलब है कि इसके प्रसार और प्रभाव पर लगातार नजर रखनी होगी। इस श्रेणी में आने वाले वैरिएंट्स को ज्यादा गंभीर नहीं माना जाता, लेकिन उनके फैलने की गति और संभावित खतरे को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इन पर ध्यान दिया जाए।

गंभीर स्थिति की संभावना कम, लेकिन सतर्कता जरूरी
WHO का कहना है कि NB.1.8.1 वैरिएंट बेहद तेजी से फैलता है, लेकिन फिलहाल इससे संक्रमित अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस अपने स्वरूप बदलने में माहिर है, इसलिए इसकी अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है।
डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ से बचें, मास्क पहनें और अगर बुखार, खांसी या थकावट जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं। टीकाकरण और सतर्कता ही अभी भी सबसे बड़ा हथियार है।