ट्रंप का U-टर्न: भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अमेरिका की मध्यस्थता से किया इनकार
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देशों ने पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका की लंबी रात चली बातचीत के बाद यह उपलब्धि हासिल हुई है।
लेकिन अब ट्रंप अपने ही इस दावे से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। गुरुवार को कतर के अल-उदीद एयर बेस पर अपने सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने सीधा मध्यस्थता की, लेकिन मैंने निश्चित रूप से मदद की।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त हो गई है और दोनों इसके लिए खुश हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इस दावे का खंडन किया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि युद्ध विराम भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत का परिणाम था, जिसमें पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष से युद्ध विराम का अनुरोध किया। यह वार्ता भारत द्वारा पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस पर किए गए जवाबी हमलों के बाद हुई।
ट्रंप ने 13 मई को कहा था कि शायद भारत और पाकिस्तान एक साथ “अच्छा डिनर” कर सकते हैं और व्यापार के माध्यम से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक युद्ध विराम की स्थापना हुई है। लेकिन अब उनके बयान में स्पष्टता की कमी देखी जा रही है।
यह स्पष्ट है कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच ट्रंप के दावे और उनकी भूमिका को लेकर काफी भ्रम बना हुआ है। जबकि अमेरिका ने स्थिति को सुधारने में मदद की हो सकती है, लेकिन युद्ध विराम पूरी तरह से दोनों देशों के द्विपक्षीय प्रयासों का नतीजा है।