4 जुलाई 2025 को अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास होकर डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के साथ ‘बिग एंड ब्यूटीफुल बिल’ कानून बन गया। ट्रंप की यह बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही है। बिल में टैक्स कटौती से लेकर खर्च में भारी कटौती की गई है, जिसका असर अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों (NRI) और भारत दोनों पर पड़ेगा।
बिल की मुख्य बातें:
- 4.5 ट्रिलियन डॉलर के टैक्स कट
- 1.2 ट्रिलियन डॉलर की खर्च कटौती
- मेडिकेड, फूड स्टांप जैसी योजनाओं पर सख्त वर्क रूल्स
- सीमा सुरक्षा पर जोर, रिन्युएबल एनर्जी सब्सिडी में कटौती
- इलेक्ट्रिक वाहन नीति को पलटा गया
- तेल, गैस, कोयला कंपनियों को रॉयल्टी रियायत
एनआरआई और भारत पर असर:
- पैसा भेजने पर टैक्स:
अमेरिका से भारत जैसे देशों में पैसे भेजने पर अब 1% टैक्स लगेगा (पहले 5% प्रस्तावित था)। यह नियम 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। - उच्च ट्रांसफर करने वालों पर असर:
बड़े या लगातार पैसे भेजने वाले NRI को अपनी वित्तीय योजनाएं बदलनी होंगी। छोटे ट्रांसफर और बैंक/कार्ड आधारित लेन-देन फिलहाल छूट में हैं। - विदेशी आय पर मौजूदा कर नियम यथावत:
भारत में किराए जैसी आय पर पहले जैसे टैक्स नियम ही लागू रहेंगे। अमेरिका में टैक्स क्रेडिट लिया जा सकेगा, जिससे दोहरा टैक्स नहीं लगेगा।
मस्क समेत कई हस्तियों का विरोध:
टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने इस बिल का खुलकर विरोध किया है। उनका कहना है कि यह पर्यावरण और गरीबों दोनों के खिलाफ है। साथ ही रिन्युएबल एनर्जी को नुकसान पहुंचाने वाला कदम बताया।
निष्कर्ष:
यह कानून अमेरिका की आर्थिक दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा, लेकिन एनआरआई और भारत के लिए चुनौतियां बढ़ाएगा। खासकर निवेश और रेमिटेंस पर प्रभाव देखा जाएगा।