रूस ने AI से लैस Su-57M लड़ाकू विमान की पहली उड़ान सफलतापूर्वक भरी, भारत कर सकता है सीमित खरीद
मॉस्को, 19 मई 2025 – रूस ने अपनी वायुसेना के लिए एक बड़ा तकनीकी मील का पत्थर हासिल किया है। पहली बार रूस ने अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट Su-57M को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सिस्टम के साथ सफलतापूर्वक उड़ाया है। यह उड़ान 15 मई को पूरी हुई और इसे रूस की हवाई युद्ध क्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
Su-57M, मूल Su-57 का उन्नत संस्करण है, जिसे रूस के यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) और सुखोई डिजाइन ब्यूरो ने मिलकर विकसित किया है। यह विमान न केवल हवाई श्रेष्ठता, बल्कि जमीनी और समुद्री हमलों के लिए भी अत्याधुनिक मल्टीरोल क्षमता रखता है। AI सिस्टम की मदद से यह जेट स्वायत्तता के साथ मिशन को बेहतर ढंग से संचालित कर सकता है।
भारत की संभावित रुचि
रूस ने हाल ही में एयरो इंडिया 2025 प्रदर्शनी में भारत को Su-57E वेरिएंट के सह-उत्पादन का प्रस्ताव दिया था, जो मौजूदा Su-30MKI के बुनियादी ढांचे का उपयोग करेगा। हालांकि, भारत फिलहाल अपने घरेलू उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसके कारण Su-57 की खरीद की संभावना कम मानी जा रही है। फिर भी, विशेषज्ञों का मानना है कि अपनी तत्काल जरूरतों को देखते हुए भारत सीमित संख्या में इस विमान को खरीद सकता है।
रूस की उत्पादन योजना और स्थिति
2023 तक रूसी वायु सेना को केवल 12 Su-57 विमान सौंपे गए थे। 2024 में 20 और विमान बनाने की योजना थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और तकनीकी चुनौतियों के कारण उत्पादन में देरी हो रही है। Su-57M में बेहतर मिशन सिस्टम, अधिक विश्वसनीयता और नए इंजन लगाए गए हैं, जो इसे अमेरिकी F-22 रैप्टर और F-35 जैसे फाइटर जेट्स के साथ प्रतिस्पर्धा में ला खड़ा करते हैं।
रूस का यह कदम हवाई युद्ध के आधुनिकरण की दिशा में एक बड़ा संकेत है, और आने वाले वर्षों में यह तकनीक विश्व के एयरफोर्स युद्ध की दिशा तय करेगी।