वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में नई पहल करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी पहुंचे हैं। यहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण बैठक तय है। इसके अलावा वे फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
“युद्ध खत्म करना ही होगा” – जेलेंस्की
अमेरिका पहुंचने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संदेश साझा करते हुए राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के निमंत्रण पर यह यात्रा की है। उनका मानना है कि “युद्ध रूस ने शुरू किया है और उसे ही खत्म करना होगा। दुनिया चाहती है कि यह संघर्ष जल्द से जल्द और स्थायी रूप से समाप्त हो।”
शांति वार्ता पर जोर
जेलेंस्की ने कहा कि मौजूदा हालात अब पहले जैसे नहीं हैं, जब यूक्रेन को क्रीमिया और डोनबास के कुछ हिस्से छोड़ने पड़े थे। उन्होंने 1994 की सुरक्षा गारंटी को भी अप्रभावी बताया और कहा कि यही कमजोरियां रूस के हमले का कारण बनीं।
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि इस बार यूक्रेन किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। “हमारे लोग अपनी मातृभूमि और स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं। डोनेट्स्क और सूमी में हमारे सैनिकों ने बड़ी सफलता पाई है और हमें पूरा विश्वास है कि यूक्रेन की सुरक्षा और मजबूत होगी।”
ट्रंप और यूरोपीय नेताओं संग गहन चर्चा
वॉशिंगटन में होने वाली इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब और यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सला वॉन डेर लिएन भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में युद्धविराम, सुरक्षा गारंटी और शांति समझौते के संभावित खाके पर चर्चा हो सकती है।
ट्रंप का प्रस्ताव और पुतिन से बातचीत
गौरतलब है कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता कर उन्हें शांति समझौते का प्रस्ताव दिया था। अब पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि अमेरिका और यूरोप की इस नई पहल से युद्ध समाप्ति का रास्ता निकल पाएगा या नहीं।
जेलेंस्की का आभार
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका, राष्ट्रपति ट्रंप और यूरोपीय सहयोगियों का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “हमारी संयुक्त शक्ति ही रूस को वास्तविक शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मजबूर करेगी।”
