रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसे वर्ष 1952 के बाद क्षेत्र का सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया जा रहा है। भूकंप का केंद्र पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 119 से 133 किलोमीटर दूर और सतह से लगभग 74 किलोमीटर गहराई में था। इसकी तीव्रता को पहले 8.0 बताया गया था, जिसे बाद में अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने संशोधित कर 8.8 बताया।
सुनामी की लहरें और वैश्विक चेतावनियां
भूकंप के तुरंत बाद प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठीं। रूस के कुरील द्वीप समूह, जापान, न्यूजीलैंड, अमेरिका के हवाई और अलास्का सहित कई देशों में सुनामी चेतावनी जारी कर दी गई। जापान के होक्काइडो क्षेत्र में 30 सेंटीमीटर ऊंची पहली लहर पहुंच चुकी है, वहीं न्यूजीलैंड में समुद्र तटों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
रूसी क्षेत्र में नुकसान की खबरें
कामचटका की राजधानी पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की में घरों की दीवारें हिलीं, खिड़कियों के शीशे टूटे, और लोग घबराकर बिना जूते-चप्पल के सड़कों पर निकल आए। बिजली और मोबाइल सेवा भी प्रभावित हुई। स्थानीय प्रशासन ने सखालिन द्वीप के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी गई हैं।
अमेरिकी और जापानी एजेंसियों की प्रतिक्रिया
अमेरिका के अलास्का और हवाई द्वीपों में सायरन बजाकर लोगों को ऊंचाई पर जाने के निर्देश दिए गए। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने चेताया है कि कुछ तटीय क्षेत्रों में लहरें 1 से 3 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं। जापानी मौसम एजेंसी और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इस भूकंप को 2011 जापान भूकंप (9.0 तीव्रता) के बाद सबसे गंभीर भूकंप करार दिया है।
इतिहास की पुनरावृत्ति?
1952 में कामचटका में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस बार भी खतरे का स्तर बेहद ऊंचा है, लेकिन प्रशासन की तत्परता और चेतावनी प्रणाली के कारण अब तक किसी बड़ी जनहानि की सूचना नहीं मिली है।
निष्कर्ष:
कामचटका का यह भूकंप न केवल रूस, बल्कि प्रशांत महासागर से सटे देशों के लिए भी एक चेतावनी है। वैश्विक स्तर पर आपदा प्रबंधन एजेंसियां अलर्ट पर हैं। आने वाले घंटों में सुनामी और आफ्टरशॉक्स की स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। नागरिकों को तटीय इलाकों से दूर रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।