नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर चीन और पाकिस्तान की ‘जुगलबंदी’ को करारा जवाब देते हुए दिखा दिया कि उसके सामने किसी भी ‘तकनीक’ की नहीं चलती। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य तनाव के दौरान भारतीय वायुसेना ने चीन की कथित घातक PL-15 मिसाइल को हवा में ही खत्म कर दुनिया को चौंका दिया। चीन की इस मिसाइल को उसकी वायुशक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के आगे यह पूरी तरह नाकाम रही।
भारत का एयर डिफेंस मास्टरस्ट्रोक
घटना उस वक्त हुई जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीन निर्मित PL-15 मिसाइल का इस्तेमाल किया। लेकिन जैसे ही यह मिसाइल भारतीय सीमा में दाखिल हुई, भारतीय वायुसेना के एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे हवा में ही नेस्तनाबूद कर दिया। इसके बाद भारत ने मिसाइल के मलबे के टुकड़े भी सुरक्षित रख लिए, जिसे लेकर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मच गई है।
चीन की ‘ताकत’ की खुली पोल
चीन ने PL-15 को दुनिया की सबसे आधुनिक बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइल बताया था। दावा था कि इसमें डुअल पल्स मोटर, सक्रिय रडार होमिंग, और उन्नत डेटा लिंक जैसी क्षमताएं हैं। यह भी कहा गया कि ये मिसाइल अमेरिका की AIM-120 और यूरोप की Meteor मिसाइल से भी बेहतर है। लेकिन भारत ने इसे आसानी से रोककर चीन की तकनीक की असलियत दुनिया के सामने ला दी।
PL-15 के टुकड़ों की हो रही अंतरराष्ट्रीय मांग
भारत के पास अब इस मिसाइल के टुकड़े मौजूद हैं, और अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देश इन टुकड़ों को स्टडी करना चाहते हैं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत की यह रणनीति रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए चीन की तकनीक को डीकोड करने में मददगार हो सकती है।
चीन को अपनी ही चाल पड़ गई भारी
चीन, जो खुद अमेरिका और रूस की तकनीक की नकल करने के लिए जाना जाता है, अब खुद ‘कॉपी होने’ के डर में जी रहा है। उसके कई हथियार जैसे J-10, J-35, Z-20 पहले ही पश्चिमी तकनीक की नकल माने जाते हैं। अब PL-15 की नाकामी ने बीजिंग की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाया है।
लाहौर में भी भारत का जवाब
भारत ने न केवल PL-15 को नाकाम किया, बल्कि पाकिस्तान के लाहौर के पास तैनात चीन के HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम को भी टारगेट करके ध्वस्त कर दिया। यह वही सिस्टम है जिसे चीन अपनी सबसे आधुनिक एयर डिफेंस प्रणाली बताता है।
निष्कर्ष
भारत ने एक बार फिर साबित किया कि वह केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि तकनीकी श्रेष्ठता के मामले में भी किसी से कम नहीं। चीन-पाकिस्तान की जोड़ी को न केवल सैन्य रूप से जवाब मिला, बल्कि दुनिया भर में भारत की तकनीकी क्षमता और रणनीति की तारीफ हो रही है। PL-15 का गिरना सिर्फ एक मिसाइल की हार नहीं, बल्कि चीन की साख की बड़ी चोट है।