पाकिस्तानी चालक दल को पारादीप बंदरगाह पर उतरने से रोका गया, भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा कड़ी
पारादीप (ओडिशा), 14 मई 2025 – भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इसी कड़ी में ओडिशा के पारादीप बंदरगाह पर पहुंचे एक मालवाहक जहाज ‘एमटी साइरन II’ पर सवार 21 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों को बंदरगाह पर उतरने की अनुमति नहीं दी गई।
जहाज बुधवार तड़के पारादीप पहुंचा था, जिसमें कुल 25 चालक दल के सदस्य शामिल हैं। इसमें पाकिस्तान के अलावा भारतीय और थाई नागरिक भी हैं। यह पोत दक्षिण कोरिया से सिंगापुर होते हुए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के लिए 11,350 मीट्रिक टन कच्चा तेल लेकर आया है।
मरीन पुलिस स्टेशन की प्रभारी निरीक्षक बबीता देहुरी ने बताया कि जहाज पर पाकिस्तानी नागरिकों की मौजूदगी के बारे में आव्रजन विभाग से सूचना मिलने के बाद, ओडिशा मरीन पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने बंदरगाह की सुरक्षा कड़ी कर दी। उन्होंने बताया, “कच्चे तेल को उतारने की प्रक्रिया के दौरान, सुरक्षा कारणों से सभी चालक दल को जहाज से उतरने से रोक दिया गया है।”
जहाज फिलहाल तट से लगभग 20 किलोमीटर दूर सिंगल पॉइंट मूरिंग (SPM) पर लंगर डाले हुए है। इस घटनाक्रम को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए एक घातक आतंकी हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की मौत हो गई थी। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान स्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया था और जवाबी कार्रवाई में “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने कई भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया और पुंछ जिले में तोपखाने की गोलाबारी की, जिसमें नागरिकों के हताहत होने की खबर है। दोनों देशों के बीच ड्रोन घुसपैठ, सीज़फायर उल्लंघन, और राजनयिक निष्कासन जैसे कदमों से हालात और बिगड़ गए हैं। यहां तक कि दोनों देशों ने सिंधु जल संधि और शिमला समझौते जैसे प्रमुख द्विपक्षीय समझौतों को भी निलंबित कर दिया है।
पारादीप बंदरगाह पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अपनाई गई यह कड़ी कार्रवाई इन परिस्थितियों में राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति एक सख्त और एहतियाती कदम मानी जा रही है।