इस्लामाबाद/नई दिल्ली:
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत को उकसाने की कोशिश की है। शनिवार को पाकिस्तान ने अपनी छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अब्दाली का सफल परीक्षण कर यह संदेश देने की कोशिश की कि वह जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। इस परीक्षण के बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया और सैन्य विश्लेषकों ने भारत के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी शुरू कर दी है।
पाकिस्तान का दावा है कि अब्दाली मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 450 किलोमीटर है। यह मिसाइल ठोस ईंधन से संचालित होती है और इसे युद्ध के मैदान में दुश्मन के रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है।
अब्दाली बनाम पृथ्वी: कौन किस पर भारी?
भारत की ओर से विकसित पृथ्वी मिसाइल श्रृंखला भी एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है। इसके तहत पृथ्वी-I की रेंज 150 किमी, पृथ्वी-II की 250-350 किमी और पृथ्वी-III की रेंज लगभग 600 किमी तक है। वहीं, पृथ्वी मिसाइलें तरल ईंधन से संचालित होती हैं जबकि अब्दाली मिसाइल ठोस ईंधन आधारित है, जिससे उसे जल्दी लॉन्च करने की क्षमता मिलती है।
संभावित खतरा: भारत के सीमावर्ती इलाकों पर नजर
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अब्दाली मिसाइलों को भारत से सटे उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती इलाकों में तैनात कर सकता है। इसका सीधा मतलब है कि पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के सैन्य ठिकाने अब्दाली की रेंज में आ सकते हैं। इसके ज़रिए दुश्मन के हथियार भंडार, कमांड सेंटर्स और बंकरों को निशाना बनाया जा सकता है।
चीन और उत्तर कोरिया से तकनीकी असर?
विश्लेषकों के मुताबिक अब्दाली मिसाइल के डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी में चीन और उत्तर कोरिया की तकनीकी छाया साफ़ देखी जा सकती है। यह सवाल भी उठ रहे हैं कि पाकिस्तान की मिसाइल तकनीक में तेजी से हो रहे सुधार के पीछे कहीं बाहरी सहयोग तो नहीं है?
भारत की प्रतिक्रिया?
जहां एक तरफ पाकिस्तान अपनी मिसाइल क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं भारत पहलगाम आतंकी हमले के बाद कूटनीतिक और सैन्य विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारत किसी भी उकसावे का माकूल जवाब देने में सक्षम है और अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।