थाईलैंड में राजनीतिक भूचाल उस वक्त आया जब प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के बीच हुई 17 मिनट की फोन बातचीत की रिकॉर्डिंग लीक हो गई। इस कॉल के 9 मिनट का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने देश की राजनीति को संकट में डाल दिया।
इस कॉल में शिनावात्रा ने थाई सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल बून्सिन पड़क्लांग की आलोचना करते हुए उन्हें “कूल दिखने वाला” कहा और मजाक में खुद को “कंबोडिया का पीएम बनने योग्य” बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने हुन सेन को “अंकल” कहकर संबोधित किया, जिससे यह धारणा बनी कि वे सैन्य व्यवस्था को हल्के में ले रही हैं – ऐसे देश में जहां सेना सत्ता की असली ताकत मानी जाती है।
इस घटनाक्रम के बाद थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न ने शिनावात्रा को प्रधानमंत्री पद से निलंबित कर दिया। हालांकि, उन्हें संस्कृति मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में बनाए रखा गया है।
सुरिया जुंगरुंगरियांगकित को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, जिन्होंने नए मंत्रियों के साथ शपथ ली और राजा से औपचारिक अनुमोदन प्राप्त किया।
कौन हैं पेतोंगतार्न शिनावात्रा?
- पेतोंगतार्न 38 वर्ष की हैं और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं।
- वे सत्तारूढ़ फेउ थाई पार्टी की नेता हैं और अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री बनी थीं।
- वह थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं।
- चूललोंगकोर्न विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और यूनिवर्सिटी ऑफ सरे, ब्रिटेन से होटल मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल कर चुकी हैं।
इस घटना के मायने
यह संकट दिखाता है कि थाईलैंड में राजनीति और सेना के बीच शक्ति-संतुलन कितना संवेदनशील है। सेना की आलोचना का मतलब सत्ता से बाहर होना हो सकता है, भले ही वह आलोचना एक निजी बातचीत में क्यों न हो।
इस फोन कॉल ने न सिर्फ शिनावात्रा की कुर्सी छीनी, बल्कि पूरे थाईलैंड को 24 घंटे के लिए एक नया प्रधानमंत्री भी दे दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में थाई राजनीति के भविष्य को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकता है।