नेवार्क एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर वापस भेजे जाने के मामले में भारत में अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी किया है। दूतावास ने कहा है कि अमेरिका वैध यात्रियों का स्वागत करता रहेगा, लेकिन अवैध प्रवेश, वीज़ा का दुरुपयोग या अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दूतावास ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की यात्रा करने का कोई “अधिकार” नहीं है।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक्स पर लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका अपने देश में वैध यात्रियों का स्वागत करना जारी रखता है। हालांकि, अमेरिका की यात्रा करने का कोई अधिकार नहीं है। हम अवैध प्रवेश, वीज़ा का दुरुपयोग या अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं कर सकते और न ही करेंगे।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक एनआरआई ने नेवार्क एयरपोर्ट पर भारतीय छात्र को हथकड़ी में और रोते हुए देखा और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। एनआरआई ने लिखा, “मैंने कल रात नेवार्क एयरपोर्ट से एक युवा भारतीय छात्र को निर्वासित होते देखा – हथकड़ी लगाए, रोते हुए, एक अपराधी की तरह व्यवहार करते हुए। वह सपनों का पीछा करते हुए आया था, कोई नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं। एक एनआरआई के रूप में, मैं असहाय और दुखी महसूस कर रहा था। यह एक मानवीय त्रासदी है।”
सोशल मीडिया यूजर कुणाल जैन ने बताया कि छात्र हरियाणवी भाषा में बोल रहा था और जोर देकर कह रहा था कि वह पागल नहीं है, लेकिन अधिकारी उसे पागल दिखाने की कोशिश कर रहे थे। जैन ने कहा, “ये बच्चे सुबह वीजा प्राप्त कर फ्लाइट में सवार हो जाते हैं। किसी कारण से वे इमिग्रेशन अधिकारियों को अपनी यात्रा का कारण नहीं बता पाते और शाम की फ्लाइट से उन्हें अपराधियों की तरह बांधकर वापस भेज दिया जाता है। हर दिन ऐसे 3-4 मामले सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसे और भी मामले सामने आए हैं।”
इस मामले ने भारतीय छात्रों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी वीज़ा प्रक्रिया को लेकर सही जानकारी का अभाव और इमिग्रेशन अधिकारियों से संवाद में कमी ऐसी घटनाओं का कारण बनती है।