नई दिल्ली। मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 6 महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति उखना के बीच शिक्षा, ऊर्जा, रक्षा, संस्कृति, सुरक्षा और खनिज खोज जैसे क्षेत्रों में चर्चा हुई। इस दौरान भारत ने मंगोलियाई नागरिकों के लिए मुफ्त ई-वीजा की घोषणा की और 2028 तक मंगोलिया में तेल रिफाइनरी स्थापित करने के लिए 1.7 बिलियन डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपये) की सहायता का वादा किया।
6 समझौतों से मजबूत होंगे द्विपक्षीय संबंध
दोनों नेताओं की मुलाकात में मानवीय सहायता, ऐतिहासिक स्थलों की मरम्मत, आप्रवासन, खनिज खोज, डिजिटल तकनीक और बौद्धिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में 6 MoUs पर हस्ताक्षर हुए। PM मोदी ने कहा कि भारत और मंगोलिया के संबंध राजनयिकता से आगे आध्यात्मिक बंधन पर आधारित हैं। उन्होंने बौद्ध धर्म के सूत्र में बंधे दोनों देशों को ‘स्पिरिचुअल सिबलिंग’ बताया। यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष और राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाया गया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
मंगोलिया में बनेगी तेल रिफाइनरी
भारत की सहायता से मंगोलिया में 2028 तक एक आधुनिक तेल रिफाइनरी स्थापित होगी। यह रिफाइनरी प्रतिवर्ष 15 लाख मीट्रिक टन (रोजाना लगभग 30,000 बैरल) कच्चे तेल को रिफाइन करने की क्षमता रखेगी। PM मोदी ने कहा कि मंगोलिया ने भारतीय कंपनियों को तेल और गैस खोज के लिए आमंत्रित किया है, जो ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेगा।
मंगोलियाई नागरिकों को फ्री ई-वीजा
PM मोदी ने घोषणा की कि मंगोलियाई नागरिकों को भारत आने के लिए ई-वीजा मुफ्त मिलेगा। इससे पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा। लद्दाख और मंगोलिया के अरखांगई प्रांत के बीच स्थानीय सहयोग के लिए नया समझौता भी किया गया। भारत मंगोलिया के युवाओं को सांस्कृतिक राजदूत के रूप में प्रशिक्षित करेगा।

बौद्धिक और धार्मिक संबंधों को बढ़ावा
दोनों देशों ने शैक्षिक और धार्मिक संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया। मंगोलिया के गंदन मठ और भारत के नालंदा विश्वविद्यालय के बीच विशेष साझेदारी स्थापित होगी। भारत मंगोलिया की सीमा सुरक्षा बलों को ट्रेनिंग देगा और नई योजनाएं शुरू करेगा। PM मोदी ने कहा कि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के शिष्यों सारिपुत्र और मौद्गल्यायन के पवित्र अवशेष भारत से मंगोलिया भेजे जाएंगे, जो बौद्धिक संबंधों को और गहरा करेगा।
वैश्विक साझेदारी का नया अध्याय
राष्ट्रपति उखना ने भारत की मेजबानी की सराहना की और कहा कि ये समझौते दोनों देशों के बीच विकास और समृद्धि का नया दौर शुरू करेंगे। PM मोदी ने मंगोलिया को भारत का ‘स्पिरिचुअल सिबलिंग’ बताते हुए कहा कि हमारे संबंधों की जड़ें सदियों पुरानी हैं। यह यात्रा भारत-मंगोलिया संबंधों को नई दिशा देगी, खासकर ऊर्जा, पर्यटन, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में।