बीजिंग। चीन की राजनीति और सेना में बड़ा भूचाल आ गया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बाद देश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाने वाले हे वेइदोंग को अचानक सभी पदों से हटा दिया गया है। 2022 में वेइदोंग को चीनी सेना के वाइस चेयरमैन (उपाध्यक्ष) के पद पर नियुक्त किया गया था, जो देश की सेना में दूसरे नंबर का सबसे बड़ा पद है। वे साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे। लेकिन अब उन्हें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते पार्टी और सेना दोनों से हटा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, हे वेइदोंग को ऐसे समय में हटाया गया है जब चीन में शी जिनपिंग के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा जोरों पर है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वेइदोंग के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े कई गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच चल रही है। हालांकि वेइदोंग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने दावा किया है कि हे वेइदोंग के अलावा सात और शीर्ष जनरलों को भी निलंबित किया गया है, जिनमें केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के सदस्य मियाओ हुआ, हे होंगजुन और वांग शियुबिन शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई चीन में सरकार और सेना से जुड़े भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के तहत की गई है।
हे वेइदोंग का जन्म 1957 में चीन के फुजियान प्रांत में हुआ था। उन्होंने नानजिंग मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सेना में कदम रखा। 2012 में शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद वेइदोंग का कद तेजी से बढ़ा। 2013 में उन्हें जिआंगसू सैन्य जिले का कमांडर बनाया गया, इसके बाद 2014 में शंघाई गैरिसन कमांड की जिम्मेदारी सौंपी गई। 2016 में जिनपिंग सरकार ने उन्हें वेस्टर्न थिएटर कमांड ग्राउंड फोर्स की कमान दी और 2018 में वे ईस्टर्न कमांड के प्रमुख बने।
उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए 2022 में उन्हें केंद्रीय सैन्य आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया, जो चीन की सेना का दूसरा सबसे बड़ा पद है। जिनपिंग खुद इस आयोग के अध्यक्ष हैं। उस समय वेइदोंग को जिनपिंग का सबसे भरोसेमंद साथी और संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था। इसके साथ ही उन्हें पार्टी के पोलित ब्यूरो का सदस्य भी बनाया गया था।
हालांकि, 2024 में दोनों के बीच मतभेद गहराने की खबरें सामने आने लगीं। इसके बाद वेइदोंग सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए और उनके लापता होने की चर्चाएं तेज हो गईं। अब चीनी सरकार ने औपचारिक रूप से उन्हें सभी पदों से हटा दिया है।