नई दिल्ली/कैसाब्लांका: भारत अब वैश्विक रक्षा उद्योग में अपनी ताक़त का नया प्रदर्शन करने जा रहा है। पहली बार देश की एक डिफेंस फैक्ट्री विदेशी धरती पर स्थापित होने जा रही है। यह ऐतिहासिक कदम मोरक्को की राजधानी कैसाब्लांका में उठाया जाएगा, जहां 22 सितंबर को इस डिफेंस फैक्ट्री का उद्घाटन होगा।
टाटा कंपनी करेगी संचालन
इस विदेशी डिफेंस फैक्ट्री का संचालन टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) करेगी। उद्घाटन के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिवसीय दौरे पर मोरक्को रवाना होंगे। यह फैक्ट्री भारतीय रक्षा उत्पादन की वैश्विक पहुंच का प्रतीक बनने वाली है।
किस तरह के हथियार बनेंगे
कैसाब्लांका स्थित इस इकाई में बख्तरबंद वाहन (Armoured Vehicles) तैयार किए जाएंगे। इनमें विशेष रूप से इंफेंट्री कॉम्बैट व्हीकल (ICV) और व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP 8×8) शामिल होंगे। इन अत्याधुनिक वाहनों की आपूर्ति सीधे मोरक्कन आर्म्ड फोर्सेज को की जाएगी।
भारत की रक्षा यात्रा में नया अध्याय
- यह पहली बार है जब भारत ने अपनी डिफेंस फैक्ट्री विदेशी जमीन पर स्थापित की है।
- यह किसी मौजूदा इकाई का विस्तार नहीं, बल्कि ग्रीनफील्ड डिफेंस यूनिट है, जो पूरी तरह नए सिरे से बनाई गई है।
- यह कदम भारत की तकनीकी क्षमता और उत्पादन कौशल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करेगा।
रोजगार और विशेषज्ञता दोनों को बढ़ावा
इस फैक्ट्री में करीब 350 कर्मचारी काम करेंगे, जिनमें अधिकांश भारतीय होंगे। इससे न केवल भारत की तकनीकी विशेषज्ञता विदेशों तक पहुंचेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी रोजगार सृजन होगा।
आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक भारत तक
भारत पहले ही कई देशों को हथियार निर्यात कर रहा है और देश में डिफेंस कॉरिडोर के ज़रिए उत्पादन क्षमता बढ़ा चुका है। लेकिन विदेश में नई डिफेंस फैक्ट्री की स्थापना एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। यह कदम भारत की रक्षा निर्यात नीतियों को और मज़बूती देगा और वैश्विक रक्षा साझेदारी को नए आयाम प्रदान करेगा।
