बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने नोबेल पुरस्कार विजेता और माइक्रोफाइनेंस के जनक माने जाने वाले प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उन्होंने यूनुस को ‘लोन शार्क’ (सूदखोर) करार देते हुए कहा कि वह बांग्लादेश के इतिहास को मिटाने की कोशिश न करें, वरना इसके गंभीर परिणाम होंगे।
शेख हसीना पहले भी यूनुस पर ग़रीबों का शोषण करने और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगा चुकी हैं। उनके मुताबिक, यूनुस ने माइक्रोफाइनेंस के नाम पर ग़रीब महिलाओं को ऊँची ब्याज दरों पर कर्ज देकर उनका शोषण किया।
हालांकि, इस विवाद के बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में हुई राजनीतिक हिंसा के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं और तब से यहीं रह रही हैं। इन रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हुई हैं और अदालतों ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
लेकिन यह जानकारी सत्य प्रतीत नहीं होती। शेख हसीना फिलहाल बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं और नियमित रूप से सार्वजनिक आयोजनों में भाग ले रही हैं। सरकारी सूत्रों या बांग्लादेशी मीडिया की विश्वसनीय रिपोर्ट्स में उनके देश छोड़ने या उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने की पुष्टि नहीं हुई है।
पृष्ठभूमि:
शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस के बीच विवाद वर्षों पुराना है। माना जाता है कि जब यूनुस ने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाने की कोशिश की थी, तब से दोनों के संबंधों में खटास आ गई थी। यूनुस पर भ्रष्टाचार के भी कुछ आरोप लगे हैं, जो अभी अदालत में विचाराधीन हैं।