ताइवान को घेरने की चीन की नई चाल, भेजे सैन्य विमान और नौसैनिक जहाज; ताइवान की सेना हाई अलर्ट पर
ताइवान और चीन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। शनिवार सुबह तक चीन ने ताइवान के आसपास 14 सैन्य विमान, 9 नौसैनिक पोत और एक सरकारी जहाज़ तैनात किए, जिनमें से 9 विमानों ने ताइवान की वायु सीमा का उल्लंघन किया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (MND) ने बताया कि ये विमान ताइवान और चीन के बीच की मध्य रेखा को पार कर उत्तरी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में घुस आए।
ताइवान ने क्या कदम उठाए?
ताइवान की सेना ने स्थिति को देखते हुए:
- अपने सैन्य विमान,
- नौसैनिक जहाज,
- और तटीय मिसाइल प्रणाली सक्रिय कर दी है।
रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा, “हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक प्रतिक्रिया दी गई है।”
चीन की मंशा पर सवाल
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब ताइवान के राष्ट्रपति लाई छिंग-ते ने हाल ही में चीन पर सैन्य दबाव बनाने और “प्रभाव युद्ध” के ज़रिए ताइवान को मजबूर करने का आरोप लगाया था। 28 जून को उन्होंने चेतावनी दी थी कि “चीन पूरे पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है और ताइवान पर नियंत्रण की नीति पर अड़ा है।”
लोकतंत्र बनाम दबाव की जंग
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के अध्यक्ष और राष्ट्रपति लाई ने हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि:
- ताइवान की सबसे बड़ी चुनौती अब विपक्ष द्वारा नियंत्रित संसद है,
- जो संविधान की अनदेखी करते हुए विधेयकों को पारित कर रही है,
- और केंद्र सरकार के बजट में कटौती कर प्रशासन को बाधित कर रही है।
उन्होंने “बेहतर लोकतंत्र, बेहतर ताइवान” का नारा देते हुए लोगों से अपील की कि संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए वे एकजुट रहें।
इतिहास की मिसालें
लाई छिंग-ते ने ताइवानी सिविल सोसाइटी की भूमिका की सराहना करते हुए 1990 के वाइल्ड लिली आंदोलन और 2014 के सनफ्लावर आंदोलन को याद किया। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन ताइवान के लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव हैं, जिनके ज़रिए जनता ने चीन समर्थक नीतियों का विरोध किया था।