बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ राजधानी ढाका में विरोध प्रदर्शनों की आग ने तूल पकड़ लिया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने सोमवार को मोहम्मद यूनुस के आधिकारिक निवास जमुना गेस्ट हाउस, बांग्लादेश सचिवालय और उसके आसपास के इलाकों को अनिश्चितकाल के लिए सील कर दिया।
यूनुस सरकार द्वारा लाए गए विवादित अध्यादेश को लेकर सिविल सेवकों और अधिकारियों में गुस्सा भड़का हुआ है। यह अध्यादेश सरकार को किसी भी सिविल सेवक को 14 दिनों के भीतर बर्खास्त करने की अनुमति देता है, जिसे कर्मचारियों ने “अवैध काला कानून” बताते हुए तत्काल रद्द करने की मांग की है।
डीएमपी आयुक्त एसएम सजात अली के मुताबिक, “सार्वजनिक व्यवस्था और मुख्य सलाहकार की सुरक्षा” के लिए ढाका के सेंट्रल इलाके में सभी सार्वजनिक सभाओं, रैलियों और जुलूसों पर व्यापक प्रतिबंध लगाया गया है। न्यूएजबीडी की रिपोर्ट के अनुसार, ईद के चलते विरोध की तीव्रता में अस्थायी विराम जरूर आया है, लेकिन सिविल सेवकों ने चेतावनी दी है कि अगर 15 जून तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा।
8 अगस्त 2024 को सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इस वक्त विपक्षी दलों, सिविल सेवकों, शिक्षकों और यहां तक कि सेना के एक धड़े के असंतोष का सामना कर रही है। इससे पहले भी 10 मई को ढाका में इसी तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और स्वाट इकाइयों को तैनात किया गया था।
मोहम्मद यूनुस ने सत्ता में आने के बाद अप्रैल 2026 के पहले सप्ताह तक स्वतंत्र चुनाव कराने और न्यायिक सुधारों का वादा किया था, लेकिन मौजूदा हालात में उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।