बगराम एयरबेस पर छिड़ा नया महायुद्ध! अफगान बॉर्डर पर रूस की सेना तैनात, भारत भी अलर्ट मोड में
अफगानिस्तान में फिर से भू-राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए भारत के सक्रिय होने के बाद अब अमेरिका भी अफगान जमीन पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने पहुंच गया है। लेकिन अब इस बहुपक्षीय संघर्ष में एक और बड़ा खिलाड़ी कूद पड़ा है
सूत्रों के मुताबिक, रूस ने अफगानिस्तान की सीमा पर अपनी सेना की तैनाती कर दी है। इसका सीधा मकसद अमेरिका को अफगान क्षेत्र में आगे बढ़ने से रोकना है। यह तैनाती महज़ सैन्य नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है — क्योंकि यह टकराव दुनिया के सबसे संवेदनशील और रणनीतिक एयरबेस बगराम एयरबेस के नियंत्रण को लेकर है।
क्या है बगराम एयरबेस की अहमियत?
बगराम एयरबेस न केवल अफगानिस्तान, बल्कि पूरे मध्य एशिया में सैन्य दबदबा कायम रखने की कुंजी माना जाता है। अमेरिका ने इसे वर्षों तक अपने संचालन केंद्र की तरह इस्तेमाल किया था। अब जब अफगानिस्तान में सत्ता का पुनर्गठन हो रहा है, यह एयरबेस फिर से वैश्विक शक्तियों की आँखों का तारा बन गया है।
भारत की स्थिति क्या है?
भारत अफगानिस्तान में स्थिरता और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में कूटनीतिक और सामरिक दोनों स्तरों पर सक्रिय है। भारत सरकार ने हाई-अलर्ट जारी कर दिया है और बगराम के समीकरणों पर लगातार नज़र रखी जा रही है।
भविष्य में क्या हो सकता है?
अगर मौजूदा टकराव नियंत्रण से बाहर हुआ, तो यह सिर्फ क्षेत्रीय संघर्ष न रहकर एक नया कोल्ड वॉर एरा शुरू कर सकता है — जिसमें अमेरिका, रूस, चीन और भारत जैसी वैश्विक शक्तियाँ आमने-सामने होंगी।