इन दिनों पूरे देश में वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। खासकर दिल्ली-एनसीआर में ज्यादातर लोग खांसी, गले में खराश, बुखार, थकान और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याओं से परेशान हैं। कई बार दवाएं लेने के बाद भी बुखार पूरी तरह से नहीं उतरता। ऐसे में आयुर्वेद के नियमों को अपनाकर शरीर को नेचुरल तरीके से ठीक किया जा सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फीवर के दौरान ये 5 आयुर्वेदिक प्रोटोकॉल अपनाएं:
1. भारी खाना तुरंत बंद करें:
फीवर आने पर भारी या तला-भुना खाना बिल्कुल न खाएं। हल्का भोजन या उपवास (फास्टिंग) से शरीर को जल्दी राहत मिलती है।
2. दूध का सेवन न करें:
आयुर्वेद के अनुसार, फीवर के दौरान दूध पाचन को और कमजोर करता है। इसलिए तब तक न पिएं जब तक बुखार पूरी तरह उतर न जाए।
3. फल और जूस से बचें:
बुखार के समय पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है। ऐसे में फल या जूस का सेवन करने से शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
4. सूप लें — चावल, दाल या सब्जी का:
हल्के सूप पचने में आसान होते हैं और शरीर को ऊर्जा देते हैं। खासकर चावल या दाल से बना सूप फीवर में बहुत फायदेमंद है।
5. सौंठ का काढ़ा पिएं:
सूखी अदरक (सौंठ) को पानी में उबालकर पीने से शरीर में गर्माहट आती है और खांसी-बुखार दोनों में राहत मिलती है।
निष्कर्ष:
अगर आप इन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाते हैं तो बिना किसी दवा के भी फीवर से जल्दी आराम मिल सकता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।