आज के समय में हेल्थ और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ने के साथ ही ग्लूटेन फ्री डाइट एक नया ट्रेंड बन चुकी है। लोग इसे वजन कम करने या सेहतमंद जीवनशैली के लिए फॉलो कर रहे हैं, लेकिन क्या सच में ग्लूटेन फ्री डाइट सभी के लिए जरूरी है? विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे कई भ्रम और मिथक हैं, जिन्हें जानना जरूरी है।
ग्लूटेन क्या है?
ग्लूटेन एक तरह का प्रोटीन होता है जो गेहूं, जौ और राई जैसे अनाज में पाया जाता है। यह ब्रेड और अन्य बेकरी प्रोडक्ट्स को मुलायम और चबाने योग्य बनाता है।
आम मिथक बनाम सच्चाई:
मिथक 1: ग्लूटेन सेहत के लिए हानिकारक है
हकीकत: ग्लूटेन केवल उन लोगों के लिए नुकसानदायक है जिन्हें सीलिएक डिजीज, ग्लूटेन सेंसिटिविटी या ग्लूटन एलर्जी है। बाकी लोगों के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित है।
मिथक 2: ग्लूटेन फ्री डाइट से वजन घटता है
हकीकत: ग्लूटेन फ्री डाइट का वजन कम करने से कोई सीधा संबंध नहीं है। कई बार बाजार में मिलने वाले ग्लूटेन फ्री प्रोडक्ट्स में अधिक फैट और शुगर होती है, जो वजन घटाने में बाधा बन सकती है।
मिथक 3: ग्लूटेन फ्री मतलब हेल्दी डाइट
हकीकत: सभी ग्लूटेन फ्री फूड्स हेल्दी नहीं होते। कई बार इनमें जरूरी पोषक तत्व जैसे फाइबर, आयरन और बी-विटामिन्स की कमी पाई जाती है।
मिथक 4: हर किसी को ग्लूटेन फ्री डाइट अपनानी चाहिए
हकीकत: अगर आपको ग्लूटेन से एलर्जी नहीं है तो इसे डाइट से हटाना आपकी सेहत पर उल्टा असर डाल सकता है।
निष्कर्ष:
ग्लूटेन फ्री डाइट हर किसी के लिए नहीं है। इसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। सिर्फ ट्रेंड के पीछे चलकर अपनी डाइट से जरूरी पोषक तत्वों को हटाना, सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।