मुंबई : कर्नाटक सरकार ने बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को प्रतिष्ठित मैसूर सैंडल सोप का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है। इस दो साल के करार के तहत तमन्ना को 6 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज़ हो गई है, खासतौर पर इस बात को लेकर कि ब्रांड का प्रतिनिधित्व किसी स्थानीय कन्नड़ अभिनेत्री को क्यों नहीं सौंपा गया।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
कई यूज़र्स ने सवाल किया है कि जब कर्नाटक की अपनी फिल्म इंडस्ट्री में रश्मिका मंदाना जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्रियाँ मौजूद हैं, तो एक बाहरी अभिनेत्री को यह ज़िम्मेदारी क्यों दी गई? लोगों का कहना है कि मैसूर सैंडल सोप सिर्फ एक उत्पाद नहीं, बल्कि कर्नाटक की सांस्कृतिक पहचान है। ऐसे में इसकी ब्रांडिंग स्थानीय चेहरे के ज़रिए की जानी चाहिए थी।

सरकार की सफाई: “राष्ट्रव्यापी पहुंच की योजना”
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक सरकार के मंत्री एमबी पाटिल ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय के पीछे व्यापक रणनीतिक सोच है। उन्होंने कहा, “मैसूर सैंडल ब्रांड को कर्नाटक से बाहर अन्य राज्यों में भी पहचान दिलाने का लक्ष्य है। तमन्ना भाटिया की सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति (Instagram पर 2.8 करोड़ फॉलोअर्स) और लोकप्रियता को देखते हुए यह फैसला लिया गया।”

कन्नड़ अभिनेत्रियों पर भी हुआ विचार
मंत्री पाटिल ने बताया कि कई अन्य अभिनेत्रियों पर भी विचार किया गया था।
- दीपिका पादुकोण का नाम सामने आया, लेकिन वे बजट में फिट नहीं बैठीं।
- रश्मिका मंदाना को भी अप्रोच किया गया था, लेकिन उन्होंने पहले ही अन्य प्रोजेक्ट साइन कर लिए थे।
- कियारा आडवाणी और पूजा हेगड़े जैसे नाम भी विचार में आए।

तमन्ना का फिल्मी सफर और चर्चा
तमन्ना हाल ही में रिलीज़ हुई अजय देवगन की फिल्म “रेड 2” के आइटम सॉन्ग में नजर आई थीं। इससे पहले भी वे कई फिल्मों और गानों के ज़रिए सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती रही हैं। संभव है कि कर्नाटक सरकार ने उनकी डिजिटल लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया हो।
क्षेत्रवाद बनाम मार्केटिंग
जहां एक तरफ़ राज्य के लोगों को लगता है कि यह फैसला स्थानीय प्रतिभाओं के साथ न्याय नहीं करता, वहीं दूसरी ओर सरकार इसे ब्रांड विस्तार की रणनीति के रूप में देख रही है।
