मुंबई : बॉलीवुड की मशहूर कॉमेडी फ्रेंचाइज़ी ‘हेरा फेरी’ की तीसरी फिल्म को लेकर इस वक्त विवाद गरमाया हुआ है। इस बार फिल्म की चर्चा इसके कलाकारों से ज्यादा कानूनी झगड़े की वजह से हो रही है। वजह है अभिनेता परेश रावल का फिल्म से बाहर हो जाना, और उसके बाद अक्षय कुमार की कंपनी द्वारा उनके खिलाफ 25 करोड़ रुपये के हर्जाने का लीगल नोटिस भेजा जाना। अब इस पूरे विवाद पर परेश रावल की ओर से भी स्पष्टीकरण सामने आ गया है।
क्यों छोड़ी परेश रावल ने फिल्म? वकील ने पेश की पूरी दलील
परेश रावल के वकील अमित नाइक की लॉ फर्म Naik & Naik ने स्पष्ट किया है कि अभिनेता को फिल्म से जुड़े किसी भी तरह के स्क्रिप्ट, कहानी या फॉर्मल एग्रीमेंट की जानकारी नहीं दी गई थी। इसके बावजूद उन्हें एक प्रोमो शूट में शामिल किया गया, जिसे IPL के दौरान दिखाए जाने की बात कही गई थी।
वकील के अनुसार, फिल्म साइन करते समय परेश रावल को भरोसा दिलाया गया था कि जरूरी दस्तावेज और स्क्रिप्ट समय पर मिल जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
प्रोमो शूट हुआ, लेकिन स्क्रिप्ट थी ही नहीं
जानकारी के अनुसार, अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म भूत बंगला के सेट पर हल्का बदलाव करके ‘हेरा फेरी 3’ का प्रोमो शूट किया गया। यह काम इतनी जल्दीबाज़ी में हुआ कि स्क्रिप्ट तक तैयार नहीं थी। वकील का तर्क है कि स्क्रिप्ट और कहानी के अभाव में फिल्म से बाहर होने का फैसला पूरी तरह तार्किक और व्यावसायिक था, न कि भावनात्मक।

साइनिंग अमाउंट पहले ही लौटाया, हर्जाने का दावा निराधार
परेश रावल ने फिल्म के साइनिंग के तौर पर मिले 11 लाख रुपये पहले ही मेकर्स को लौटा दिए थे, और वह रकम मेकर्स ने स्वीकार भी कर ली थी। इसका मतलब यह हुआ कि उनका फिल्म से बाहर होना कानूनी रूप से भी मान्य है। ऐसे में अक्षय कुमार की कंपनी द्वारा 25 करोड़ रुपये का दावा करना कानूनी रूप से आधारहीन है।
फ्रेंचाइज़ी टाइटल को लेकर भी विवाद
वकील ने यह भी बताया कि फिल्म के टाइटल यानी ‘हेरा फेरी’ फ्रेंचाइज़ी के अधिकार को लेकर भी अभी तक स्पष्टता नहीं है। फिरोज़ नाडियाडवाला, जो फ्रेंचाइज़ी के ओरिजिनल प्रोड्यूसर हैं, उन्होंने भी 29 मार्च को परेश रावल को नोटिस भेजा था, जिससे मामला और उलझ गया।
2026 में होनी थी शूटिंग, स्क्रिप्ट अब तक तैयार नहीं
‘हेरा फेरी 3’ की शूटिंग की योजना 2026 में बनाई गई थी, लेकिन अभी तक कहानी और कानूनी कागजात तक तैयार नहीं हैं। वकील का कहना है कि जब कहानी ही नहीं बनी है, तो नुकसान की भरपाई का दावा करना अव्यावहारिक है।