खैरागढ़। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के निरंतर संघर्ष और सामाजिक प्रतिबद्धता का एक ऐतिहासिक परिणाम सामने आया है। खैरागढ़ जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर स्थित वार्ड नंबर 2, पिपरिया निवासी मुन्नी बाई को आखिरकार न्याय मिल गया है। केंद्रीय विद्यालय में लगभग 14 वर्षों से स्वीपर के पद पर कार्यरत मुन्नी बाई को तीन महीने पहले बिना किसी कारण और सूचना के नौकरी से निकाल दिया गया था, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ गया था।

न्याय की तलाश में मुन्नी बाई ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी से संपर्क किया। उनकी व्यथा को गंभीरता से लेते हुए, दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तत्काल पहल की और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में नौकरी से निकाले जाने की अन्यायपूर्ण प्रक्रिया को रेखांकित किया गया था।

संगठित संघर्ष की जीत
लगातार प्रयासों और जनदबाव के चलते प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। नतीजतन, मुन्नी बाई को नौकरी पर वापस बुला लिया गया है। यह न केवल मुन्नी बाई के लिए राहत और खुशी का क्षण है, बल्कि उन सभी मेहनतकश लोगों के लिए एक प्रेरणा भी है, जो अन्याय का सामना कर रहे हैं।
संगठनों की सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रमाण
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने इस सफलता को अपनी एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह जीत दिखाती है कि जब कोई संगठन पूरी ईमानदारी और दृढ़ता से जनहित के लिए खड़ा होता है, तो कोई भी अन्याय ज्यादा देर टिक नहीं सकता। मुन्नी बाई का यह मामला अब एक मिसाल बन गया है—संगठित प्रयासों से कैसे हक और न्याय प्राप्त किया जा सकता है।
यह घटना छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के सामाजिक समर्पण और जनसेवा के प्रति निष्ठा को दर्शाती है।