कोरबा में अब तक 122 बच्चों को मिल रही है ₹4000 मासिक सहायता
रायपुर, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य (एकीकृत बाल संरक्षण योजना) के अंतर्गत चल रही स्पॉन्सरशिप योजना छत्तीसगढ़ में जरूरतमंद बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास बनकर उभरी है। यह योजना विशेष रूप से उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो माता-पिता के संरक्षण से वंचित हैं या जिनकी शिक्षा व देखरेख में आर्थिक बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
कोरबा जिले में जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से अब तक 122 बच्चों को योजना से जोड़ा गया है। इन बच्चों को प्रतिमाह ₹4000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके अभिभावकों या संरक्षकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जा रही है। यह राशि बच्चों के पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल जैसी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति में उपयोग की जा रही है।
जिला प्रशासन के नेतृत्व में योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया है। कलेक्टर के मार्गदर्शन तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की देखरेख में स्पॉन्सरशिप कमेटी के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों की पहचान कर उन्हें सहायता से लाभान्वित किया गया है।
यह योजना किशोर न्याय अधिनियम और आदर्श नियमों के अनुरूप संचालित हो रही है। कोरबा जिले में गैर-संस्थागत सेवाओं के माध्यम से बच्चों को उनके परिवार के साथ रखते हुए उनके समग्र विकास की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।
कलेक्टर कोरबा ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके आस-पास कोई ऐसा बच्चा है जिसे संरक्षण, देखरेख या शिक्षा की आवश्यकता है और जो माता-पिता से वंचित है, तो उसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति को अवश्य दें। राज्य सरकार का यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि कोई भी बच्चा सिर्फ माता-पिता की अनुपस्थिति के कारण अपने अधिकारों और भविष्य से वंचित न रहे।
स्पॉन्सरशिप योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का प्रतीक भी है, जो जरूरतमंद बच्चों को सम्मानपूर्वक जीवन देने की दिशा में एक सशक्त पहल है।